खूंटी:स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में खूंटी अब भी दूसरे जिलों पर निर्भर है. लगभग साढ़े 6 लाख की आबादी वाले जिले में बड़े निजी अस्पतालों की भी कमी है, जिसके कारण लोग इलाज के लिए जिले से बाहर जाने को विवश हैं.
जिलेवासी इलाज के लिए सदर अस्पताल पर निर्भर हैं. सदर अस्पताल भी कई बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बेहतर सेवा देने में पीछे रह जाता है. सदर अस्पताल चिकित्सकों की कमी से भी जूझ रहा है. साथ ही भवन की कमी के कारण कई आवश्यक सेवा प्रारंभ करने में भी दिक्कत हो रही है. जिले में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,665 हो गई है. वर्तमान समय में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 1,332 हो गयी है. जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढाने में जिला प्रशासन जुटा हुआ है. कोरोना संक्रमित रोगी के उपचार के लिए दवाइयां, ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर समेत कई आवश्यक संसाधन जुटाये जा रहे हैं. मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन मिले इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत भी की गई. एक लैब बनाई जा रही है, जो 10 दिनों के भीतर तैयार हो जाएगी. ऐसे में यदि जिले में सीटी स्कैन जांच की सुविधा भी उपलब्ध हो जाये तो स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में जिला आत्मनिर्भर हो जायेगा.
रांची में कराना पड़ा रहा टेस्ट
कोरोना काल में चिकित्सक मरीजों को सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन जिले में कहीं भी सीटी स्कैन जांच केंद्र नहीं होने के कारण मरीजों को रांची जाकर टेस्ट कराना पड़ रहा है. इससे अत्यधिक समय लगने के साथ-साथ अधिक खर्च भी उठाना पड़ रहा है. सदर अस्पताल समेत जिले के सीएचसी अस्पतालों में रोजाना डेढ़ हजार से अधिक मरीज आते हैं. जिसमें कई गंभीर मरीजों को सीटी स्कैन जांच की जरूरत पड़ती है. जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. सड़क दुर्घटना में कई लोगों को सिर पर गंभीर चोट लगती है. सीटी स्कैन के अभाव में मरीजों को रिम्स रेफर करना चिकित्सक की मजबूरी बन जाती है.