खूंटीः सिस्टम की कोताही का आलम देखना हो तो खूंटी के NH 75E पर स्कूल की छुट्टी के वक्त आ जाइए. यहां पता चलेगा कि मासूम बच्चों की जान भगवान भरोसे ही है. एक तो हाईवे पर दौड़ती गाड़ियां, ऊपर से सड़क किनारे स्थित स्कूल के बच्चों का आना-जाना. ये सड़क और ये परिवेश हादसों को आमंत्रण देने के लिए काफी हैं.
खूंटी में एनएच 75ई किनारे स्थित उर्सुलाईन कॉन्वेंट हिंदी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों, एसएस हाईस्कूल, आदर्श विद्यालय में छुट्टी की घंटी बजती है तो घर जाने की जल्दी में बच्चे अचानक सड़कों पर निकल (cause of trouble for children) आते हैं. जब एनएच पर बच्चों की भीड़ उमड़ती है तो उनकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है. बच्चों से गज भर की दूरी से इंडियन ऑयल के टैंकर, लंबी दूरी के ट्रकों के साथ छोटे वाहन गुजरते हैं तो तस्वीर देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. बच्चों के अभिभावक अपने जिगर के टुकड़ों को लेने स्कूल के गेट पर पहुंचते हैं तो इधर से गाड़ियां रेंगते हुए चलने लगती हैं. यह स्थिति लगभग आधे घंटे तक बनी रहती है. हर रोज का ये शगल बच्चों के लिए परेशानी का सबब (NH 75E road becomes trouble) बन गया है. देखिए, ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.
एनएच (NH 75E road Khunti) के अलावा खूंटी-तमाड़ रोड के किनारे स्थित संत इमानुएल स्कूल, खूंटी-सिमडेगा रोड पर लोयोला हाईस्कूल और इंटर कॉलेज, संत मिखाइल स्कूल, एसडीए स्कूल स्थित हैं. लेकिन किसी भी स्कूल के सामने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं (crossing NH 75E road risking their lives) हैं. एनएच और एसएच के किनारे स्थित स्कूलों के बच्चों के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए. इसे लेकर स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इस मुद्दे को उठाया जा चुका है. जिसके बाद चंद दिनों तक स्कूल गेट पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई. लेकिन इस व्यवस्था कुछ दिनों के बाद ही खत्म हो गई. मांगों के आलोक में ही उर्सुलाईन कॉन्वेंट गेट के सामने जेब्रा क्रॉसिंग बनाया गया लेकिन वह नाकाफी है.
यहां बता दें कि एनएच 33 पर बुंडू के सूर्य मंदिर के पास 9 अगस्त यानी मंगलवार को हुई दुर्घटना में तीन बच्चियों की मौत हो गई थी. जानकारी के अनुसार एक गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया था और तीनों बच्चों को रौंदते हुए ट्रक खेत में पलट गई थी. ऐसी सड़क दुर्घटना की आशंका हर दिन खूंटी में भी बनी रहती है. इस वजह से बच्चों को जान का खतरा हमेशा बना रहता है. जरूरत है इस पर ठोस कदम उठाने का ताकि नौनिहालों की जान को कोई खतरा ना हो.