खूंटीः अड़की प्रखंड के सुदूरवर्ती और सीमावर्ती जंगल पहाड़ों के बीच बिरहोर कॉलोनी तेलंगाडीह की रहने वाली चार बिरहोर महिलाएं गंभीर बीमारियों के कारण सदर अस्पताल में भर्ती करायी गयी थीं. Etv Bharat में खबर दिखाए जाने के बाद उनको रांची के निजी अस्पताल में बेहतर इलाक के लिए भर्ती कराया गया है.
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खूंटी जिला में मात्र 20 परिवार में महिलाओं और बच्चों समेत कुल 44 Birhor Primitive Tribe तेलंगाडीह में निवास करते हैं. अशिक्षा, अज्ञानता और पोषण की कमी के कारण बिरहोर एनीमिया, किडनी, लिवर, पथरी, हार्ट समेत अन्य कई बीमारियों से ग्रसित हैं. पिछले कई दिनों से Khunti Sadar Hospital में गंभीर हालत में चार महिलाओं का इलाज किया जा रहा था. ईटीवी भारत ने जब इस खबर को प्रमुखता के साथ दिखाया तो इन बिरहोर महिलाओं के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गयी.
बिरहोर महिलाओं का इलाज
Khunti Civil Surgeon ने बताया कि सभी बिरहोर महिलाओं का इलाज बेहतर ढंग से किया जा रहा है, दो महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार आया है. जबकि एक महिला मंजू देवी की जांच के बाद गॉल ब्लैडर में Stones की समस्या आयी है, जिसके इलाज के लिए रांची के एक प्राइवेट अस्पताल ने जिम्मेदारी ली है. डॉक्टर ने बताया कि जल्द ही मंजू देवी की पथरी को ऑपेरशन से ठीक किया जाएगा. वहीं एक बिरहोर महिला में Cervical Cancer होने की संभावना व्यक्त की गयी है, जिसे जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने रांची में बेहतर इलाज के लिए रेफर किया है. उम्मीद की जा रही है कि लुप्तप्राय बिरहोर आदिम जनजातियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने से उनके स्वास्थ्य में जल्द सुधार होगा और सभी बिरहोर स्वस्थ होकर अपने गांव वापस लौट सकेंगे.
बिरहोर महिलाओं को सरकारी मदद नहीं मिली
जानकारी के अनुसार जिला के एक व्यापारी को जब इसकी खबर मिली कि Birhor women of Khunti अस्वस्थ हैं और गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तो उन्होंने इलाज के लिए व्यवस्था उपलब्ध करायी है, जिससे बिरहोरों का इलाज हो पाएगा. लेकिब सवाल उठता है कि क्या सरकारी व्यवस्था इतनी कमजोर है कि सरकारी मदद से इनका इलाज नहीं हो पाया. बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण उन्हें किसी और की मदद से निजी अस्पताल का रुख करना पड़ा.