खूंटीःझारखंड में नक्सली संगठन पीएलएफआई के नाम पर दशकों से आतंक मचाने वाले पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी की चर्चा जिला में आग की तरह फैली. गुरुवार से खूंटी ही नहीं गुमला, सिमडेगा, चाईबासा जिला सीमावर्ती इलाके से उसकी गिरफ्तारी की चर्चा से ही शहर से गांव तक लोग खूंटी पुलिस की तारीफ तारीफ करते दिखे. लेकिन दिनेश की गिरफ्तारी की खबर झूठी निकली.
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खूंटी एसपी आशुतोष शेखर से ईटीवी भारत ने जब दिनेश की गिरफ्तारी को लेकर बात की. इस पर उन्होंने कहा कि रांची, सिमडेगा, गुमला और चाईबासा जिला के किसी भी क्षेत्र से दिनेश गोप गिरफ्तार नहीं हुआ है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि दिनेश गोप की गिरफ्तारी खूंटी ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. उन्होंने ये भी कहा कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के खिलाफ विशेष अभियान चलाई जा रही है और कई बार पुलिस के साथ मुठभेड़ में भाग निकला है. दिनेश गोप के साथ हुए मुठभेड़ के बाद उसके कैंप का सामान बरामद हुआ है.
पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप पर 25 लाख का इनाम है और उसके खिलाफ विभिन्न थानों में सैकड़ों मामले दर्ज हैं. खूंटी, सिमडेगा, गुमला, चाईबासा, सरायकेला, रांची, लोहरदगा से लेकर लगभग झारखंड के कई अन्य थानों में भी अपहरण, रंगदारी जैसे कई गंभीर कांड दर्ज है. इसके अलावा पुलिस के साथ मुठभेड़ और पुलिस पार्टी पर हमला से लेकर कई नक्सली कांडों में पुलिस को दिनेश गोप की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है.
हाल के दिनों दिनेश गोप 8 बार मुठभेड़ में बच निकला है. एसपी ने कहा है कि जिस तरह से नक्सली संगठन के खिलाफ अभियान में तेजी आई है. उससे तो यही लगता है कि दिनेश गोप या तो मारा जाएगा नहीं तो गिरफ्तार होगा. उन्होंने नक्सली संगठन से अपील की है कि वो मुख्यधारा से जुड़ें और सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं.