खूंटीः झारखंड के छोटानागपुर प्रमंडल के खूंटी जिला में पशुओं का बड़ा बाजार लगता है. जिला के कर्रा प्रखंड अंतर्गत बाजार को जलटंडा के नाम (Jaltanda market of Khunti) से जानते है और ये बाजार करीब 150 साल से चल रहा है. इस बाजार में गाय, बैल, भेड़, बकरी, मुर्गी, बत्तख आसानी से मिल जाता है. इस बाजार से जानवर खरीदने वाले झारखंड ही नहीं ओडिशा के लोग पहुंचते हैं.
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खेती के समय किसान भी बड़ी संख्या में बाजार पहुंचते हैं लेकिन उससे कहीं ज्यादा तस्करों की यहां भीड़ रहती है. यही नहीं तस्करों के लिए विशेष तौर पर हब्बा-डब्बा (जुआ) भी चलता है या यूं कहें तो इस बाजार में हर सप्ताह करोड़ों रुपये के जानवरों का सौदा और जुए का खेल चलता है. राजधानी से महज 40 किमी की दूरी पर ही जलटंडा में जानवरों का बाजार लगता है और इस बाजार से तस्कर जानवर खरीदकर आसानी से ले जा रहे हैं लेकिन प्रशासन खामोश है. जानकारी अनुसार तस्कर इस बाजार में किसानों से जानवर खरीदकर पैदल ही ले (Animal smuggling from Jaltanda market) जाते हैं, जिससे आसानी से गंतव्य तक पहुंच जाए और किसी को भनक भी ना लगे. इस बाजार से खरीदे जानवरों को काटकर बेच दिया जाता है.
इसको लेकर जिला के पुलिस कप्तान अमन कुमार ने कहा कि प्राचीन काल से चले आ रहे बाजारों में साग सब्जियों के साथ-साथ पशु पक्षियों के बाजार भी लगते हैं. हालांकि कृषि प्रधान क्षेत्र होने के कारण लोग कार्यों और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भेड़-बकरी, गाय-बैल और भैंसों की खरीददारी करते हैं. यह अनुचित नहीं है लेकिन कोई खरीददार जानवरों की खरीददारी मांस विक्रय के लिए करता है तो उसपर सूचनानुसार कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बाजार में अवैध हब्बा-डब्बा और जुआ खेल की शिकायत मिलती है तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी. पूर्व में सूचना पर मारंगहादा और सायको बाजार में हब्बा डब्बा पर कार्रवाई की गयी है.
जलटंडा बाजार में अवैध रूप से हब्बा-डब्बा का संचालन झारखंड पुलिस की एक महिला सब इंस्पेक्टर संध्या तोपनो को गौ तस्करों ने गाड़ी से कुचलकर मार दिया. इस मामले पर सूबे में खूब राजनीति हुई. गौ तस्करों के खिलाफ अभियान चलाई जाएगी, बाजारों से सड़कों तक कार्रवाई होगी. लेकिन कुछ ही दिनों में तमाम वादे और दावे हवा हो गए. ऐसे में खूंटी का जलटंडा बाजार जानवरों की तस्करी के लिए मुफीद है, जहां से वो जानवर खरीदकर बेरोक-टोक जा सकता है. ऐसे में जानवरों की खरीद बिक्री में भी संबंधित थाना क्षेत्रों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है.