खूंटीःठंड का मौसम आते ही जिला प्रशासन के लिए अफीम की खेती चुनौती बन जाती है. जिले के खूंटी, मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध अफीम की खेती होती है. हालांकि पुलिस प्रशासन हर साल छापेमारी कर अवैध अफीम की खेती नष्ट करता है और चिन्हित किसानों पर एफआईआर दर्ज की जाती है. इस साल भी प्रशासन ने अवैध अफीम की खेती के खिलाफ कार्रवाई करने का प्लान तैयार किया है. इसके साथ ही प्रशासन ने ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने और अफीम की खेती के बजाय अन्य चीजों की खेती के लिए जागरूक करने की योजना बनायी है.
फलों की खेती के लिए ग्रामीणों को जागरूक करेगा प्रशासनःप्रशासन का कहना है कि किसानों को ऐसे फलों की खेती के लिए जागरूक किया जाएगा जो कम समय में ज्यादा मुनाफा देता है, ताकि किसान अफीम की खेती करना छोड़ दें. प्रशासन का कहना है कि आम बागवानी, चीकू, ड्रैगन फ्रूट, तरबूज और स्ट्रॉबेरी जैसे फलों की खेती कर किसान खुद की तकदीर बदल सकते हैं. बाजार में ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की डिमांड अधिक होने के कारण खूंटी, मुरहू और अड़की क्षेत्रों के उन क्षेत्रों तक पहुंच बनाने की तैयारी है. जहां अवैध अफीम की खेती होती रही है. प्रशासन को उम्मीद है कि किसान इससे जुड़ेंगे और इसका लाभ भी लेंगे. क्षेत्र के कई किसान अफीम छोड़कर ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती कर लाखों कमा रहे हैं. जिला प्रशासन जल्द ही इसको लेकर जनजागरुकता अभियान के साथ-साथ उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए फलों सहित अन्य खेती से जोड़ेगा.
खूंटी में अफीम की खेती बड़ी समस्याःवहीं खूंटी के डीडीसी नीतीश कुमार ने बताया कि अफीम बड़ी समस्या रही है. उन्होंने कहा कि अफीम के खिलाफ ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में अफीम की खेती होती है वहां के ग्रामीणों की मानसिकता को बदलने के लिए प्रशासन सजगता से काम कर रहा है. आम बागवानी,चीकू, ड्रैगन फ्रूट, तरबूज और स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा. जिला प्रशासन का प्लान है कि इस तरह की फसलों से ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा और अफीम से अधिक राशि भी कमा पाएंगे. अवैध अफीम की खेती करने वाले गांव तक जिला प्रशासन अपनी पहुंच बनाने की तैयारी कर ली है.
शॉर्ट टर्म में पैसा कमाने के अन्य हैं विकल्पः अफीम से शॉर्ट टर्म में पैसे मिल जाते हैं, जिसके कारण ग्रामीण अफीम की खेती करते हैं. अफीम को रिप्लेस कर फलों की खेती के लिए जन जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा. साथ ही जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि अवैध अफीम की खेती छोड़कर फलों की खेती करें.