जामताड़ा: जिले में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की लचर व्यवस्था उजागर हुई है. जामताड़ा सदर थाना के बुधूडीह गांव में ठेला पर मरीज को अस्पताल ले जाया गया. एंबुलेंस या कोई अन्य वाहन नहीं मिलने के कारण मरीज की मौत रास्ते में हो गई.
कैंसर से पीड़ित थी ममता
जामताड़ा बुधूडीह गांव की रहने वाली ममता देवी कैंसर से पीड़ित थी. शनिवार को उनकी हालत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन ने मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए 108 नंबर पर फोन किया, लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुआ. आखिर में हारकर परिजन मरीज को ठेला पर लादकर 7 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने को मजबूर हुए.
रास्ते में हुई मौत
ठेला से करीब 3 किलोमीटर दूर जाने के बाद किसी के द्वारा उपायुक्त को इसकी सूचना दी गई. उपायुक्त ने तुरंत सिविल सर्जन से मरीज को एंबुलेंस उपलब्ध कराकर अस्पताल पहुंचाने का निर्देश दिया, लेकिन जबतक ये प्रक्रिया पूरी होती तब तक देर हो चुकी थी. मरीज ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
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नहीं मिली एंबुलेंस
परिजनों का कहना है कि तबीयत खराब हो जाने के बाद 108 पर फोन लगाया, लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाया. इसके बाद निजी वाहन का जुगाड़ लगाए कि कोई मदद करें, लेकिन लॉकडाउन के कारण सहायता नहीं मिली. अंत में ठेला से ले जाना पड़ा. इस मामले में जब जामताड़ा जिला के उपायुक्त से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ठेला पर लादकर मरीज को ले जाने की सूचना उनको मिली थी. इसके बाद तुरंत एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए सिविल सर्जन को कहा गया. उपायुक्त ने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी.