जामताड़ाः पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से भाषा पर दिए बयान से राजनीति गर्मा गई है. झारखंड में विपक्षी पार्टी बीजेपी सवाल उठाने लगी है. इतना ही नहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी नसीहत दे दी. अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने पलटवार करते हुए उनसे पूछा कि बिहार के नियोजन नीति में संथाली भाषा को शामिल करेंगे.
यह भी पढ़ेंःCM नीतीश का हेमंत को जवाब, 'राजनैतिक लाभ के लिए ऐसी बोली ठीक नहीं'
डॉ. उरांव ने कहा कि बिहार में बड़ी संख्या में संथाल आदिवासी समाज के लोग रहते हैं. उन्होंने कहा कि सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और बांका जिले में संथाल आदिवासी की बहुतायत संख्या हैं. ये संथाली लोग संथाल भाषा बोलते हैं. क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजन नीति में संथाली भाषा को शामिल करेंगे?
क्या कहते हैं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव मेहरबानी से नहीं मिला है झारखंड
वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य बनाने को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी गई है. आदिवासी समाज के लोगों ने जल-जंगल-जमीन के नाम पर वर्षों तक संघर्ष किया और अपनी कुर्बानी दी. झारखंड पर किसी ने मेहरबानी नहीं की है. झारखंड की अपनी भाषा और संस्कृति है, जिसे आगे बढ़ाना है.
नवंबर में होंगे पंचायत चुनाव
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण पंचायत चुनाव लंबित हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो गया है और पंचायत चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है और नवंबर माह में पंचायत चुनाव कराया जाएगा. इसको लेकर सरकार के स्तर से तैयारी की जा रही है. यह चुनाव दलीय आधार पर नहीं किया जाएगा.
10 रुपये में धोती-साड़ी योजना का उद्घाटन
वित्त मंत्री रामेश्वर राम बुधवार को रांची से दुमका जा रहे थे. इस दौरान जामताड़ा के सर्किट हाउस में थोड़ी देर के लिए ठहरे हुए थे, जहां मीडिया से बात की. बता दें कि दुमका में झारखंड सरकार की ओर से गरीबों के लिए शुरू किए जा रहे 10 रुपये में धोती-साड़ी योजना का उद्घाटन होना है. उसी समारोह डॉ. उरांव शामिल होंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऑनलाइन योजना का शुभारंभ करेंगे.