जामताड़ा: जिले के नाला प्रखंड के कुंज गोंडा गांव में कल्याण विभाग द्वारा संचालित अस्पताल बहुत ही पुराने और जर्जर भवन में चल रहा है. अस्पताल का भवन ऊपर से तो ठीक-ठाक दिखता है. लेकिन अंदर से इसकी स्थिति दयनीय है. बरसात के दिनों में भवन से पानी टपकते रहता है. इसके साथ ही कभी भी अप्रिय घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता.
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क्या कहते हैं अस्पताल के कर्मचारी
कल्याण अस्पताल के काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि अस्पताल का भवन काफी पुराना है और बरसात में सब जगह पानी टपकते रहता है जिससे काफी परेशानी होती है. इसके साथ ही उनका कहना है कि यहां किसी भी अप्रिय घटना का भय बना रहता है.
एनजीओ को दिया गया है अस्पताल का जिम्मा
अस्पताल सुचारू रूप से चले और मरीजों का इलाज सही से हो इसे लेकर सरकार ने रांची के एक एनजीओ(NGO) को इस अस्पताल के संचालन का जिम्मा दिया है. एनजीओ(NGO) ने अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में बेड और कोरोना को देखते हुए ऑक्सीजन बेड की भी व्यवस्था की है. लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब अस्पताल पहुंची तो यहां कोई भी डॉक्टर नहीं था. कर्मचारियों ने बताया कि यहां 5 डॉक्टरों की तैनाती है जिसमें दो छुट्टी पर हैं और दो लंच के लिए गए हैं. खास बात ये भी थी कि इतने बड़े अस्पताल में सिर्फ दो ही मरीज मिले. ऐसे में एनजीओ इस अस्पताल को कितना सुचारू रूप से चला रही है इसपर शंका जाहिर होती है.
क्या कहते हैं अस्पताल के नोडल पदाधिकारी
पुलवामा गांव में झारखंड सरकार के संचालित कल्याण अस्पताल के भवन की स्थिति और व्यवस्था को लेकर जब अस्पताल के नोडल पदाधिकारी आईटीडीए डायरेक्टर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि अस्पताल की स्थिति खराब है. इसको लेकर प्राक्कलन तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा और शीघ्र ही भवन की मरम्मती करा ली जाएगी. उन्होंने बताया कि अस्पताल में जो भी दिक्कतें हैं उसे दूर किया जाएगा.