जामताड़ा: जिले के बेवा गांव में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत बना जलमीनार पूरी तरह से फेल हो चुका है. ग्रामीणों जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्हें पानी के लिए तरसना पड़ रहा है, नतीजतन वे 2 किलोमीटर दूर एक चापाकल से पानी लाने को मजबूर हैं.
ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत इसका निर्माण लाखों की लागत से कराया गया था. लेकिन आज तक इस जलमीनार से लोगों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो पाया. ग्रामीण जनता को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. दो किलोमीटर दूर एक चापाकल से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ग्रामीणों को कहना है कि पानी के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है. कई बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया. बता दें कि इसका उद्घायन हेमंत सोरेन ने खुद खुद अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में किया था. लेकिन कहावत ढाक के तीन पात वाली निकली.