जामताड़ा:पूरे देश भर में साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा का नाम कुख्यात है, लेकिन अब इसकी पहचान विश्व स्तर पर होने लगी है. यही कारण है कि दुनिया में बढ़ते साइबर अपराध को लेकर यूएसए की टेक्निकल रिसर्च टीम अब साइबर अपराध को लेकर जामताड़ा में रिसर्च करेगी. इसे लेकर जामताड़ा प्रशासन को इस टीम का सहयोग करने को कहा गया है.
यूएसए की टेक्निकल रिसर्च टीम आएगी जामताड़ा
टीम कब आएगी यह अभी कहा नहीं जा सकता है, लेकिन इस बात को लेकर पुलिस महकमे में चर्चा का बाजार गर्म है. बताया जाता है कि दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर डीजीपी रैंक की सुरक्षा को लेकर बैठक हुई. जिसमें प्रमुख रूप से साइबर अपराध के रोकथाम को लेकर मुद्दा छाया रहा. इस दौरान साइबर अपराध पर लगाम कसने को लेकर यूएसए टेक्निकल रिसर्च टीम की ओर से जामताड़ा में रिसर्च करने की बात सामने आई है.
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साइबर अपराध का गढ़ है जामताड़ा
जामताड़ा जिले का करमाटाड़ और नारायणपुर थाना क्षेत्र साइबर अपराध का गढ़ माना जाता है. यहां साइबर अपराधी रोजाना नए प्रयोग कर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. इस पर लगाम लगाने को लेकर जामताड़ा प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है. सरकार की ओर से अलग से साइबर अपराध पर लगाम कसने को लेकर साइबर थाना भी खोला गया है. अलग से डीएसपी और टेक्निकल पुलिस टीम की प्रतिनियुक्ति की गई है. इसके बावजूद साइबर अपराध पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.
सुरक्षा एजेंसियां फेल
सबसे दिलचस्प बात यह है कि साइबर अपराध को अंजाम देने वाले कोई खास पढ़े-लिखे लोग नहीं होते हैं. कम उम्र और कम पढ़े लिखे युवक सारे टेक्निकल और सुरक्षा को ठेंगा दिखाते हुए घटना को अंजाम दे रहे हैं और सारी सुरक्षा एजेंसियां फेल हो रहीं हैं. साइबर अपराधी आम से लेकर खास लोगों को चूना लगा चुके हैं, जिसमें बॉलीवुड के कलाकार, मंत्री और कई वरीय पदाधिकारी भी शामिल हैं.
पुलिस महकमे में चर्चा का विषय
देश के करीब सभी राज्यों की पुलिस साइबर अपराधी की तलाश में जामताड़ा पहुंच चुकी हैं. आए दिन किसी न किसी राज्य के पुलिस साइबर अपराधी की तलाश में यहां पहुंचती है. इसके बावजूद साइबर अपराधी किसी ने किसी राज्य में लोगों को अपना शिकार बना ही लेते हैं. यूएसए की टेक्निकल रिसर्च टीम के जामताड़ा पहुंचने की खबर से पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है, साथ ही पूरे जामताड़ा में हलचल मच गई है. अब देखना यह है कि टेक्निकल रिसर्च टीम के आने के बाद इन अपराधियों पर लगाम लग पाती है या नहीं.