झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

जामताड़ाः मनरेगा के तहत अकुशल मजदूरों को मिलेगा रोजगार, जॉब कार्ड बनाने की प्रक्रिया तेज

जामताड़ा में लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में प्रवासी मजदूर लौटे हैं. ऐसे में सभी मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन गंभीर है. उप विकास आयुक्त नयन प्रियेश लकड़ा ने प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर विभागीय कार्रवाई तेज कर दी है.

Unskilled laborers will get employment under MGNREGA in Jamtara
Unskilled laborers will get employment under MGNREGA in Jamtara

By

Published : Aug 13, 2020, 9:59 PM IST

जामताड़ा: जिले के नव पदस्थापित आईएस पदाधिकारी उप विकास आयुक्त प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर विभागीय कार्रवाई तेज कर दी है. उप विकास आयुक्त नयन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रांतों में रोजगार गंवाकर अपने जिले में आए प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर वे तत्पर हैं.

प्रवासी मजदूरों को लेकर सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है. प्रवासी मजदूरों में अकुशल मजदूरों को चिंहित कर जॉब कार्ड उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है. इसे लेकर उप विकास आयुक्त ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.

जिले में 9 हजार के लगभग अप्रवासी मजदूर हैं. वहीं कोरोना काल के दौरान दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों की संख्या भी 9 हजार के आसपास पंजीकृत है. इन लोगों को एक साथ रोजगार उपलब्ध कराना जिला प्रशासन के लिए चुनौती है. उप विकास आयुक्त ने नयन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि प्रवासी मजदूरों में जो अकुशल मजदूर हैं, उन्हें चिंहित कर जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, जिनको मनरेगा के चल रहे विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- गैंगरेप का बनाया वीडियो, 10 लाख रुपए के लिए करने लगा ब्लैकमेलिंग, गिरफ्तार

प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा योजना रोजगार का एक बड़ा जरिया बन रहा है. रोजगार की तलाश में दूसरे प्रांतों में गए लोग रोजगार छीनने के बाद कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उन्हें वापस लौटना पड़ा है. ऐसी स्थिति में सरकार उन्हें गांव और घर में ही मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है, ताकि उन्हें घर और गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो सके.

इस समय लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूर गांव में पहले से मौजूद हैं. पहले इनमें से कई लोग शहरों में भी काम करने जाया करते थे, जो अब बंद है. जाहिर है कि अब एक्टिव जॉब कार्ड की संख्या बढ़ेगी और जिला प्रशासन को सभी मजदूरों को रोजगार देने में दिक्कतें आएंगी.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details