सीएसपी संचालक सहित गिरफ्तार हुए तीन साइबर अपराधी, मैसेज भेज करते थे साइबर ठगी
जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस ने तीन अलग-अलग से साइबर अड्डे पर छापेमारी कर तीन साइबर अपराधियों को पकड़ा (Cyber criminals arrested in Jamtara). गिरफ्तार तीन अपराधियों में एक सीएसपी संचालक शामिल है. इसके अलावा दो भागने में सफल रहे. पुलिस ने पकड़े गए अपराधियों के पास से मोबाइल, फर्जी सिम और एटीएम कार्ड बरामद किया है.
जामताड़ा: जिला में अलग-अलग तीन साइबर अपराधियों के अड्डे पर जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस ने छापेमारी अभियान चलाया. जहां से एक सीएसपी संचालक सहित तीन साइबर अपराधियों को पकड़ा गया (Cyber criminals arrested in Jamtara), जबकि दो भागने में सफल रहे. ये साइबर अपराधी क्रेडिट कार्ड एक्सपायर्ड होने और फोन वॉलेट बंद होने का मैसेज भेज कर साइबर ठगी करते थे.
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मोबाइल, सिम और एटीएम बरामद: जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 8 मोबाइल, 15 सिम और एक एटीएम कार्ड बरामद किया है. पकड़े गए साइबर अपराधी का नाम अब्दुल अजीज अंसारी, विक्की दास और अलाउद्दीन अंसारी बताया गया है. जबकि फरार साइबर अपराधी का नाम सोनू मंडल और अकबर अंसारी बताया गया, जिसकी तलाश के लिए साइबर थाना पुलिस की छापामारी अभियान जारी है. फिलहाल, तीनों साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने साइबर थाना में मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत के तहत जामताड़ा जेल भेज दिया है.
साइबर थाना प्रभारी ने दी जानकारी: जामताड़ा साइबर थाना प्रभारी अजय पंजिकार ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधी क्रेडिट कार्ड एक्सपायरी होने और फोन वॉलेट बंद होने का मैसेज भेज कर साइबर ठगी करने का काम करते थे. जबकि एस्पाइस कंपनी का सीएसपी संचालक साइबर अपराधी का ठगी का पैसा खपाने का काम करता था.
कैसे करते थे ठगी: गिरफ्तार साइबर अपराधियों के आपराधिक इतिहास के बारे में बताया गया है कि पकड़े गए साइबर अपराधी एसबीआई क्रेडिट कार्ड पोर्टल पर जाकर अपना मोबाइल नंबर डालकर लोगों को क्रेडिट कार्ड से संबंधित ओटीपी भेजते थे. इसके बाद उक्त मोबाइल धारक को कॉल करके क्रेडिट कार्ड चालू रखने की बात कहकर डिटेल मांग लेते थे. इसके बाद पेटीएम वॉलेट के फास्टैग में अमाउंट क्रेडिट कार्ड डिटेल्स डालते थे. फिर कार्ड होल्डर से सभी जानकारी प्राप्त कर ट्रांजैक्शन कर लिया करते थे. ट्रांजैक्शन की राशि वाहन मालिक के फास्टैग में चला जाता था. जिसे अकबर अंसारी द्वारा वाहन मालिक से कमीशन प्राप्त कर निकासी कर ली जाती थी. जबकि पकड़ा गया साइबर अपराधी विक्की दास लोगों को फोन बंद होने का एक साथ मैसेज भेजता था. इसमें से कुछ लोग फोन चालू रखने के लिए कॉल बैक करते थे. उन्हें ऑफर का मैसेज भेजा जाता था और उसे एक्सेप्ट करने का झांसा देकर लिंक के माध्यम से ऑफर राशि पे करने को बोला जाता था. पे करने पर राशि इनके वॉलेट में चला जाता था.