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रविंद्र नाथ महतो बने विधानसभा अध्यक्ष, परिजनों ने कहा- जनता की सेवा का मिला फल

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Published : Jan 7, 2020, 8:25 PM IST

जेएमएम विधायक रविंद्र नाथ महतो के विधानसभा अध्यक्ष बनने पर उनके घर परिवार के सदस्यों ने काफी खुशी जताई है. विधानसभा अध्यक्ष बनने पर उनके पिता ने काफी खुशी महसूस करते हुए कहा है कि जनता की बदौलत ही वह विधानसभा अध्यक्ष बने हैं.

ravindra nath mahato, रविंद्र नाथ महतो
रविंद्रनाथ महतो के पिता

जामताड़ा:नाला विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित जेएमएम विधायक रविंद्र नाथ महतो के विधानसभा अध्यक्ष बनने पर उनके घर परिवार के सदस्यों ने काफी खुशी जताई है. विधानसभा अध्यक्ष बनने पर उनके पिता ने काफी खुशी महसूस करते हुए कहा है कि जनता की बदौलत ही वह विधानसभा अध्यक्ष बने हैं. वे हमेशा जनता की सेवा करते रहे हैं.

रविंद्र नाथ महतो के परिजनों से बातचीत

तीसरी बार बने विधायक
नाला विधानसभा सीट से तीसरी बार जेएमएम के टिकट पर निर्वाचित हुए रविंद्र नाथ महतो विधानसभा के अध्यक्ष पद पर आसीन हुए हैं. रविंद्र नाथ महतो के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद उनके घर-परिवार में काफी खुशी हैं. घर परिवार के सदस्य और उनके पिता ने उनके अध्यक्ष पद पर आसीन होने पर काफी खुशी जताई है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान रविंद्र नाथ महतो के पिता ने कहा कि अपने बेटे को विधानसभा अध्यक्ष बनते देख उन्हें काफी खुशी है. वहीं उनके छोटे भाई ने बातचीत में अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि संघर्ष करके आज वह इतने बड़े पद पर आसीन हुए हैं. इसके लिए उन्होंने क्षेत्र की जनता को भी धन्यवाद दिया, गुरुजी को भी धन्यवाद दिया.

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पिता ने दिया जनता को धन्यवाद
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो के पिता गोलक महतो ने कहा कि उन्हें बचपन से ही अच्छी शिक्षा दी है. वह चाहते थे कि पढ़-लिखकर वे शिक्षक बने. इसके लिए उन्होंने बीएड भी करवाया और बीएससी भी करवाया. लेकिन शिक्षक और नौकरी से ज्यादा उनकी रुचि राजनीति में थी और उन्हें राजनीति करने के लिए फिर छोड़ दिया गया. बता दें कि रविंद्रनाथ महतो के पिता एक शिक्षक हैं. 82 साल की उम्र में भी आज वह स्वस्थ हैं, रविंद्र नाथ महतो ने अपने गांव सिमीलडूबी पंचायत पाटनपुर गांव में रहकर महाजोरी खमार सरकारी विद्यालय में प्राइमरी शिक्षा ग्रहण की. गांव में ही रह कर मिडिल स्कूल में पढ़ाई की. उसके बाद जामताड़ा जेबीसी हाई स्कूल से मैट्रिक की. मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने दुमका एसपी कॉलेज से साइंस में आईएससी और बीएससी की. बीएससी करने के बाद वह भुवनेश्वर से B.Ed की परीक्षा पास की.

2005 में पहली बार बने विधायक
इसके बाद अलग झारखंड राज्य आंदोलन में शिबू सोरेन के साथ राजनीति में संपर्क में आए. राजनीति में आने के बाद पहली बार वह निर्दलीय रूप से नाला विधानसभा से चुनाव लड़े. पहली बार 2000 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर नाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़े. लेकिन तत्कालीन विधायक विशेश्वर खां से हार गए. 2005 में झारखंड मुक्ति मोर्चा से फिर विधानसभा चुनाव लड़े और उन्हें सफलता मिली. 2009 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर फिर से चुनाव लड़े और भाजपा प्रत्याशी से हार गए 2014 और 2019 में वे जेएमएम के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने.

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