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जामताड़ा: सोलर सिस्टम वाली पानी की टंकी हो रही बेकार साबित, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ

जामताड़ा के आदिवासी बहुल गांव क्षेत्र में मुख्यमंत्री जन जल योजना (Mukhyamantri Jan Jal Yojana) के तहत बनाए गए लाखों की लागत से बना सोलर पाइप पानी की टंकी (Water Tank) बेकार साबित हो रही है. ग्रामीण पानी के लिए परेशान हो रहे हैं.

Solar pipe water tank useless in jamtara
जामताड़ा: लाखों रुपए का सोलर पाइप बेकार, नहीं मिल रहा ग्रामीणों को पानी का लाभ

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Published : Jul 3, 2021, 7:05 PM IST

जामताड़ा:आदिवासी बहुल गांव क्षेत्र में ग्रामीण जनता की प्यास बुझाने के लिए लाखों की लागत से सोलर सिस्टम से बनाए गए पानी टंकी बेकार साबित होने लगी है. सदर प्रखंड के सहरजोरी आदिवासी बहुल गांव में मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत बनाए गए अधिकतर पानी टंकी महीनों से खराब पड़ा हुआ है. नतीजतन ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

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ग्रामीण जनता को पानी के लिए होना पड़ रहा परेशान

मुख्यमंत्री जन जल योजना से सोलर पाइप पानी टंकी खराब पड़े रहने से ग्रामीण जनता को पानी के लिए काफी परेशान और जूझना पड़ रहा है. ग्रामीण जनता को पानी के लिए एक 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. पानी की टंकी महीनों से खराब पड़ी हुई है. इसके चलते उन्हें परेशान रहना पड़ता है.

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सरकार ने शुरू की है मुख्यमंत्री जन जल योजना

बताते चलें कि आदिवासी बहुल गांव में ग्रामीण जनता को पीने के पानी के लिए जूझना नहीं पड़े, इसी के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री जन जन योजना की शुरुआत की है. लाखों की लागत से चापाकल गाड़ी के माध्यम से सोलर सिस्टम (Solar System) के तहत पानी टंकी लगाया गया है, ताकि ग्रामीण जनता को स्वच्छ और सुचारू रूप से पानी की आपूर्ति होती रहे. सोलर पाइप पानी टंकी बनाते समय कार्य एजेंसी की ओर से जैसे-तैसे काम कर सरकारी पैसे की निकासी कर ली जाती है. दो-तीन महीने तो ठीक चलती है, उसके बाद खराब हो जाती है. ठीक करने के नाम पर मोटर और सोलर खोल कर ले जाते हैं. उसके बाद कोई देखने तक नहीं आता है.

पानी का अभाव झेल रहे ग्रामीण

ग्रामीण जनता का कहना है कि पानी के लिए उन्हें तो दूर-दूर जाना ही पड़ता है. ठीक करने के लिए मुखिया, वार्ड पार्षद से लेकर प्रखंड के पदाधिकारी तक बोल कर थक जाते हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकलता. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र में मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत पेयजल स्वच्छता विभाग और प्रखंड स्तर पर प्रखंड कार्यालय से लाखों की लागत से आदिवासी बहुल गांव में सोलर पाइप से पानी टंकी लगाया गया है. पानी की तरह पैसा बहाया गया है, जिसमें अधिकतर योजना फेल है और ग्रामीण जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. इसलिए ये उच्च स्तरीय जांच का विषय है बनता है.

पानी की टंकी हो रही बेकार साबित

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