जामताड़ाःकोरोना के कारण जामताड़ा में छोटे बच्चों के स्कूल अब भी बंद हैं. इससे गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई ठप है. इससे उनके दूसरे बच्चों के मुकाबले पिछड़ने की आशंका पैदा हो गई है. लेकिन इस ओर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है.
कोरोना के कारण स्कूल बंद, गरीबों के बच्चों की पढ़ाई चौपट
जामताड़ा में कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं. जहां-तहां ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है. लेकिन जामताड़ा नगर पंचायत के स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के बच्चों की पढ़ाई ठप है.
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कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार ने बच्चों के स्कूल बंद कर रखे हैं. लंबे अरसे से बच्चों के स्कूल बंद रहने से उनकी पढ़ाई-लिखाई ठप है. इससे गरीब ठेला मजदूरी करने वालों के बच्चे का भविष्य चौपट होता जा रहा है. स्लम एरिया में रहने वाले बच्चे स्कूल और शिक्षा से दूर हैं. उन्होंने अब तक जो सीखा था, वो भी भूलते जा रहे हैं.
बता दें कि जामताड़ा नगर पंचायत के स्लम एरिया में अधिकतर ठेला और मजदूरी कर घर परिवार चलाने वाले लोग रहते हैं. ये सुबह होते ही रोजगार के लिए निकल जाते हैं और शाम को लौटते हैं. इधर स्कूल बंद होने से इनके बच्चे दिनभर खेलते, लड़ते-झगड़ते रहते हैं. पढ़ाई लिखाई की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से इन्होंने अब तक जो सीखा था, वह भी ने भूलते जा रहे हैं. इन बच्चों का कहना है कि स्कूल बंद है. इसलिए पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.
वैकल्पिक व्यवस्था की मांग
स्थानीय समाजसेवी और वार्ड के पार्षद गौर बाउरी का कहना है कि ऐसे गरीब बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन से मांग की है. इनका कहना है कि इस क्षेत्र में अधिकतर ठेला और मजदूरी कर कमाने खाने वाले लोग रहते हैं , 2 साल से कोरोना के कारण स्कूल बंद हो जाने से इनके बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं. इससे इनके दूसरे बच्चों से पिछड़ने का खतरा पैदा हो गया है.