जामताड़ा: झारखंड इस साल स्थापना का 20 वां साल मनाएगा पर अभी भी यहां के संथाल आदिवासियों के गांवों में विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है. आज भी यहां के लोग रोजगार के संकट से जूझ रहे हैं, सिंचाई, शिक्षा और बिजली की बुनियादी सुविधाएं इन गांवों में नहीं पहुंच पाईं हैं. राजनीतिक दलों के नेता इसके लिए सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.
भाजपा के जिला अध्यक्ष सोमनाथ सिंह इसके लिए सोरेन परिवार, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हैं. उनका कहना है राज्य के गठन के बाद यहां अधिक समय तक इन दलों की सरकार रही पर सबसे अधिक मुख्यमंत्री देने वाले क्षेत्र के विकास पर इन सरकारों ने ध्यान नहीं दिया. सिंह का कहना है कि जिस उद्देश्य राज्य का निर्माण हुआ, उसके मकसद की ओर नहीं बढ़ा जा सका है.
पलायन बड़ा संकट
लंबी लड़ाई और झारखंड आंदोलन के बाद जब झारखंड राज्य का गठन हुआ था तब लोगों को उम्मीद थी कि उनका जीवन स्तर ऊंचा करने के प्रयास किए जाएंगे. सिंचाई और रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना होगा पर 20 साल बाद भी सपने पूरे नहीं हो सके.