जामताड़ा: लॉकडाउन में तीर्थाटन कर बंगाल लौट रहे पश्चिम बंगाल के करीब 44 की संख्या में तीर्थ यात्रियों को बंगाल में प्रवेश नहीं दिया गया. इस कारण उन्हें मिहिजाम जामताड़ा की सीमा पर ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था. क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर उनके लिए जिला प्रशासन द्वारा खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने के पश्चात करीब महीने भर से इन्हें छोड़ा नहीं जा रहा था. इससे यह घर जाने को व्याकुल थे.
राज्य सरकार के आदेश मिलने के बाद जामताड़ा जिला प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करते हुए कुल 12 गाड़ी के साथ इन्हें वापस बंगाल जाने के लिए अनुमति दे दी. लेकिन बंगाल सीमा पर जाते ही फिर से बंगाल के यात्रियों को बंगाल प्रशासन और पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया है कि कि उन्हें यह सूचना नहीं है. जिला प्रशासन के आदेश को उन्होंने मानने से इंकार कर दिया.
सभी लोग वाहन समेत वापस लौट आए. यात्रियों को वापस लौटकर फिर से मिहिजाम नगर भवन में शरण लेनी पड़ी. यही नहीं झारखंड से जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए अनुमति और आदेश को भी बंगाल प्रशासन नहीं मान रही है. नतीजा कई लोगों को बंगाल में जरूरी काम के लिए भी जाने से वंचित रहना पड़ रहा है. इस बारे में जामताड़ा जिले के उपायुक्त गणेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन में पश्चिम बंगाल के तीर्थ यात्रियों को उन्हें छोड़ने के लिए कुल 12 वाहन गाड़ी के साथ अनुमति दी गई थी.