जामताड़ा: जिले में दूध का व्यवसाय कर कमाने खाने वालों पर काफी असर पड़ रहा है. दूध नहीं बिकने के कारण उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. लॉकडाउन में सभी बाजार बंद होने के कारण दूध व्यवसायी दूध बेचने बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे, जिससे उनका कई लीटर दूध बर्बाद हो रहा है.
जामताड़ा में दूध का कुल उत्पादन प्रतिदिन 5 हजार लीटर है. जानकारी के अनुसार जामताड़ा मिहिजाम के आसपास के क्षेत्रों में कुल दूध देने वाली गाय की संख्या लगभग 3500 है. लॉकडाउन के कारण इन क्षेत्रों में अब दूध की खपत कम हो गई है. इससे दूध व्यवसायी काफी परेशान हैं.
दूध उत्पादन करने वाले यादव समुदाय के अध्यक्ष का कहना है कि एक महीने से लॉकडाउन में दूध बिक नहीं रहा है. डेयरी से दूध कलेक्शन के लिए गाड़ियां नहीं पहुंच रही हैं, जिससे दूध बर्बाद हो रहा है, अब पशुओं को चारा खिलाना मुश्किल होने लगा है.
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जामताड़ा का मिहिजाम बंगाल की सीमा पर स्थित है. यहां सैकड़ों की संख्या में खटाल हैं, जिनकी रोजी-रोटी रोटी दूध व्यवसाय ही है. ये व्यवसायी दूध बेच कर घर परिवार चलाते हैं. जिले से अधिकतर दूध बंगाल में बेचा जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण दूध नहीं बिक रहा है. दूध कारोबारी का कहना है कि दूध बेचने जब घर से निकलते हैं तो पुलिस लाठी मारती है.