जामताड़ा: जिले में मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है. रोजगार के अभाव में मजदूरों को भटकना पड़ रहा है. रोजगार नहीं मिलने से मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और जिसके कारण उनके सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
मजदूरों को नहीं मिल रहा है रोजगार
कोरोना काल में मजदूरों को घर में रोजगार उपलब्ध हो, इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है और रोजगार देने की मनरेगा के तहत गारंटी भी दे रही है और प्रशासन से दावा भी किया जा रहा है. लेकिन हकीकत में धरातल पर देखा जाए, तो मजदूरों को रोजगार के लिए काफी भटकना पड़ रहा है. रोजगार की तलाश में मजदूर इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.
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मनरेगा के तहत महीना भर नहीं मिल पाता है काम
मजदूरों का कहना है कि मनरेगा के तहत पंचायत में काम नहीं मिल पाता है. रोजगार के लिए घंटों प्रतीक्षा में खड़े रहते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत रोजगार देने की सरकार गारंटी देती है. मजदूरों को यदि काम मिल भी जाता है, तो वह महीने भर काम नहीं मिल पाता है. उसके बाद वह बेरोजगार हो जाते हैं और रोजगार के लिए भटकना पड़ता है. जो मनरेगा के तहत मजदूर काम करते हैं. वह ठेका में काम करते हैं. दैनिक हाजिरी भी नहीं मिलती है, जिसके कारण उन्हे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
बहरहाल, जो भी हो जामताड़ा जिले में मनरेगा के तहत मजदूरों को पूरी तरह से रोजगार उपलब्ध नहीं मिल पा रहा है. नतीजा मजदूरों को काम की तलाश में भटकने को मजबूर हैं. सरकार और प्रशासन के तमाम दावे जामताड़ा में फेल साबित हो रही है.