जामताड़ा:जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मिलने वाली पौष्टिक आहार पिछले 6 माह से बंद है. जिसको लेकर न तो सरकार संवेदनशील दिखाई दे रही है और न ही संबंधित विभाग.
ये भी पढ़ें-कोरोना की तीसरी लहरः नीति आयोग के सदस्य पहुंचे जामताड़ा, कोरोना से बचाव के उपायों पर जताया असंतोष
पिछली बार कब मिला था पौष्टिक आहार?
लाभुकों के मुताबिक जनवरी में एक महीने का पौष्टिक आहार आंगनबाड़ी केंद्र में मिला था, उसके बाद से आज तक उन लोगों को कोई अनाज नहीं मिला है. महिलाओं के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्र से आहार नहीं मिलने के बाद वे बाजार से उधार लेकर अपने बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रही हैं. उनके मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों से चावल चना बादाम गुड़ और दाल की आपूर्ति की जाती है. जिसके छह माह से आपूर्ति बंद होने से उन्हें दिक्कत हो रही है.
क्यों नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार?
दरअसल, जिले के 1189 आंगनबाड़ी केंद्रों में JSLPS सखी मंडल के माध्यम से अनाजों की आपूर्ति करता था. लेकिन पोषाहारों के लाखों रुपए बकाए का भुगतान नहीं होने की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों में अब आपूर्ति बंद कर दी गई है. अब आंगनबाड़ी केंद्रों में अनाज नहीं आने के कारण पोषाहार योजना बंद है.
नीति आयोग ने दिखाई गंभीरता
आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार नहीं मिलने के मामले को जब जामताड़ा पहुंचे नीति आयोग बाल संरक्षण स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य संजय मिश्रा को अवगत कराया गया तो उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है. ऐसे में जब कोरोना काल में सभी के घर अनाज पहुंचाने की बात कही जा रही है तब गर्भवती महिलाओं को उनके आहार से वंचित रहना पड़ रहा है. जाहिर है इस योजना को लेकर सिस्टम कितना गंभीर है वो सबके सामने है.