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जामताड़ा: NGT के रोक के बावजूद खनन का अवैध खेल जारी, जिला प्रशासन बेखबर - जामताड़ा में एनजीटी के रोक के बावजूद खनन का अवैध खेल जारी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मॉनसून में बालू घाटों से बालू खनन, उठाव और परिवहन पर रोक लगा रखा है. इसके बावजूद रोज बिना चालान, क्षमता से अधिक लोड हाइवा-डंपर जामताड़ा में अवैध खनन कार्य में लगे हैं. यह सब जिला प्रशासन के अधिकारियों के नाक के नीचे हो रहा है वे बेखबर हैं. माफियाओं और पुलिस प्रशासन के इस खेल में सरकार को राजस्व की घाटा हो रहा है.

Illegal mining continues in Jamtara despite NGT ban
Illegal mining continues in Jamtara despite NGT ban

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Published : Aug 9, 2020, 6:36 PM IST

जामताड़ा:जिला प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से बिना चालान, क्षमता से अधिक, नियम कानून को ताक पर रखकर हाइवा, डंपर और ट्रैक्टर से पत्थर बोल्डर, बालू का परिचालन किया जा रहा है. माफियाओं के इस कारोबार से सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है, लेकिन जामताड़ा जिला प्रशासन इसे रोकने में असफल साबित हो रही है.

एनजीटी के रोक के बावजूद बालू ढुलाई

हाइवा और डंपर से पत्थर और बोल्डर का अवैध खनन और ढुलाई जामताड़ा में इन दिनों खूब चल रहा है. एनजीटी के रोक के बावजूद ट्रैक्टर से नदी से बालू का उठाव भी धड़ल्ले से जारी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से 15 अक्टूबर तक बालू घाटों से खनन पर पूरी तरह रोक के बावजूद अवैध बालू का खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जामताड़ा जिला प्रशासन तो इस पर रोकने छोड़ अंकुश भी लगाने में नाकाम है. प्रशासन और खनन विभाग इसे रोकने में असफल हैं.

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी संबंधित विभाग के पदाधिकारी और जिला प्रशासन को नहीं है. सब कुछ जानकारी रहते हुए भी यह अंजान बने रहते हैं और सिर्फ दिखावा के लिए कभी-कभार छापेमारी अभियान चलाकर एक-दो गाड़ी पर कार्रवाई कर दिखावा करते हैं और जुर्माना लेकर फिर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है. सिर्फ खानापूर्ति के लिए किए गए कार्रवाई से माफियाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता है और जिले में अवैध कारोबार फलते-फूलते रहता है.

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जिला खनन पदाधिकारी ने दी सफाई

इस बारे में जब जिला खनन पदाधिकारी से संपर्क किया गया तो पूछने पर उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर अवैध ढुलाई और खनन कार्य पर कार्रवाई की जाती है. गाड़ियों को जब्तकर जुर्माना भी वसूला जाता है. जिला खनन पदाधिकारी राजाराम प्रसाद ने बताया कि अवैध परिचालन, क्षमता से अधिक बिना चालान के अवैध खनन पर रोक लगाने, कारोबार पर रोक लगाने को लेकर जिला में टास्क फोर्स कमेटी का गठन भी किया गया है. लेकिन इसके बावजूद बिना चालान और क्षमता से अधिक लोड गाड़ियों पर कार्रवाई बेअसर दिखता है. पदाधिकारी और माफियाओं के इस खेल में सरकारी राजस्व को घाटा पहुंचता है. जिससे जिम्मेवार अधिकारी बेखबर हैं.

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