झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

जामताड़ाः स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों को नहीं मिल रही पेंशन, सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर - जामताड़ा में स्वतंत्रता सेनानी विधवा

जामताड़ा में स्वतंत्रता सेनानी विधवा आश्रितों को राज्य सरकार से मिलने वाली पेंशन राशि नहीं मिल रही है. सालों से बुजुर्ग महिलाएं सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहीं हैं.

freedom fighter widow not getting pension in jamtara
स्वतंत्रता सेनानी विधवा

By

Published : Apr 10, 2021, 2:58 PM IST

जामताड़ा: जिले में 2 स्वतंत्रता सेनानी विधवा आश्रितों को सालों से राज्य सरकार से मिलने वाली पेंशन राशि से वंचित रहना पड़ रहा है. राज्य सरकार से मिलने वाली पेंशन राशि बंद है. दोनों सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. पेंशन न मिलने से उनका उदर निर्वाह मुश्किल हो रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-गैस टैंकर से महिला की मौत, गुस्साए लोगों ने किया NH जाम

जामताड़ा के 2 स्वतंत्रता सेनानी की विधवा आश्रित नेताली वाली सेन और ठंडा वाली सेन जो काफी बुजुर्ग महिलाएं हैं, को राज्य सरकार से मिलने वाली पेंशन राशि से वंचित रहना पड़ रहा है. दोनों को सालों से पेंशन नहीं मिल पा रहा है. पेंशन राशि लाभ लेने के लिए दोनों इस उम्र में सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाकर थक चुकी हैं, लेकिन पेंशन अभी तक नहीं मिल पायी है.

अप्रैल 2017 से बंद है
बताया जाता है कि नेताली वाली से और ठंडा वाली सेन को पहले राज्य सरकार से पेंशन मिलती थी, लेकिन अप्रैल 2017 से बंद है.

क्या कहते हैं परिजन

स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों का कहना है कि अप्रैल 2017 से राज्य सरकार से जो पेंशन मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है. इसके लिए कई बार एसडीओ और डीसी से मिले हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हुआ.

समाजसेवी ने सरकार से लगाई गुहार
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और रेड क्रॉस के पूर्व सचिव राजेंद्र शर्मा ने दोनों स्वतंत्रता सेनानी विधवाओं को जल्द पेंशन शुरू करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि करीब 20 सालों से दोनों को जानते हैं. अप्रैल 2017 से स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों को पेंशन नहीं मिल रही है. उन्होंने सरकार से अविलंब भुगतान करने की मांग की है.

जामताड़ा के स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों को स्थानीय प्रशासन और सरकार को तभी याद आती है जब 15 अगस्त व 26 जनवरी को सम्मानित करना होता है. उसके बाद उनकी सुध लेना भी प्रशासन उचित नहीं समझता है. नतीजा यह है कि राज्य सरकार से जो पेंशन राशि और सुविधा मिलनी चाहिए, वह आज तक नसीब नहीं हो पा रही है, जिसके लिए उन्हें कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details