जामताड़ा: पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता सत्यानंद झा बाटुल ने जामताड़ा में अवैध बालू खनन, लकड़ी, पशुओं की तस्करी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से इस पर अविलंब कार्रवाई करते हुए रोक लगाने की मांग की है.
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अवैध तस्करों का सेफ जोन बना संथाल परगना
उन्होंने कहा कि संथाल परगना का जामताड़ा अवैध कारोबार करने वालों के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है. जामताड़ा जिले के सीमावर्ती इलाके बंगाल से बड़े पैमाने पर बालू पासिंग का कारोबार किया जा रहा है और इसे बिहार में खपाने का काम किया जा रहा है. जहां एक ओर बालू की तस्करी हो रही है तो वहीं लकड़ी और पशु की भी तस्करी जारी है.
बड़े पैमाने पर हो रहा बालू उठाव
जामताड़ा जिला पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है. बताया जाता है कि रात में बंगाल से बड़े-बड़े ट्रक नाला थाना क्षेत्र से होते हुए बिहार जाते हैं. स्थानीय प्रशासन और पुलिस को मामले की जानकारी होते हुए भी अवैध खनन किया जा रहा है. इस क्षेत्र में दर्जनों ईसीएल के बंद पड़े कोयले की खदान हैं, जहां से अवैध रूप से कोयले की तस्करी की जाती है. कई बार इसे रोकने को लेकर पुलिस ने कार्रवाई भी की, लेकिन बस इस मामले में खानापूर्ति कर छोड़ दिया जाता है नतीजा अवैध खनन और कोयले का अवैध कारोबार का सिलसिला बदस्तूर जारी है लेकिन जिला परिवहन विभाग और खनन विभाग बेखबर है.
पुलिस और सरकार पर लगाया मिलीभगत का आरोप
भाजपा नेता ने स्थानीय पुलिस प्रशासन पर मिलीभगत कर तस्करी का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि नाला थाना क्षेत्र में बंगाल के लकड़ी माफिया काफी सक्रिय हैं, और पुलिस की मिलीभगत से लकड़ी की तस्करी हो रही है. पशुओं की भी तस्करी हो रही है. साथ ही बंगाल से बड़े पैमाने पर बालू को बिहार भेजने का काम किया जा रहा है. उन्होंने प्रशासन और सरकार से चल रहे इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है.
कई बार खनन टास्क फोर्स कमेटी का हुआ गठन
जामताड़ा के नाला थाना क्षेत्र में बालू कोयला, लकड़ी और पशुओं का अवैध कारोबार चलता रहता है. कई बार जिले में खनन टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया, लेकिन ये भी सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है. कभी कभार दिखाने के लिए छापेमारी कर कार्रवाई कर दी जाती है. कुछ दिन तक धंधा बंद रहता है, उसके बाद फिर से यह धंधा शुरू हो जाता है. कुंड़हित नाला थाना में बालू का अवैध कारोबार को लेकर मामले दर्ज भी किए गए हैं, लेकिन इस अवैध धंधे पर रोक नहीं लग पाई जो कि पुलिस प्रशासन और विभाग की नाकामी को दर्शाता है.