जामताड़ा: सदर अस्पताल को जिला का एक मॉडल अस्पताल बनाने की पहल जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है. जिला प्रशासन ने इसके लिए जिला के अपर समाहर्ता पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया है. इन्हें देखरेख की पूरी जिम्मेदारी दी गई है.
ये भी पढ़ें-आखिरकार हटाए गए टीवीएनएल के एमडी अरविंद सिन्हा, जानिए क्या थी वजह
वेतन रोकने का आदेश
नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता सदर अस्पताल पहुंचे. वहां उपस्थित सभी पदाधिकारी, विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी की जांच की. बिना कारण बताए गायब पाए गए स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति पंजी में लाल दाग लगाकर उन्हें अनुपस्थित किया. कई स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन रोकने का भी आदेश दिया. नोडल पदाधिकारी ने वहां के चिकित्सक, पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मियों को ईमानदारी से काम करने की हिदायत दी.
स्वास्थ्य कर्मियों को फटकार इस दौरान बिना यूनिफॉर्म के काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को जमकर फटकार लगाई और यूनिफॉर्म के साथ सेवा देने की हिदायत दी. साथ ही उन्होंने लैब का भी निरीक्षण किया और चेतावनी दी कि किसी भी तरह की शिकायत या लापरवाही पाई गई तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
समाहर्ता ने दी जानकारी
समाहर्ता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल को जिला का एक मॉडल अस्पताल बनाया जाए, इसके लिए प्रयास जारी है. जो त्रुटियां हैं जल्द से जल्द उसे दूर किया जाएगा ताकि अस्पताल में मरीजों का सारी सुविधा के साथ इलाज हो सके.
सुविधा को लेकर जिला प्रशासन सख्त
सदर अस्पताल जामताड़ा जिले का एक प्रमुख अस्पताल है. जहां सरकार की ओर से सभी तरह की सुविधा और इलाज की व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के कारण अस्पताल में मरीजों को आए दिन सही रूप से ना इलाज मिलने और काफी परेशान होने की शिकायत मिलती रहती है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है और व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ-साथ इलाज में सारी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है.