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सरकारी उपेक्षाओं का दंश झेल रहे जामताड़ा के किसान, अबतक नहीं मिली सुखाड़ मुआवजे की राशि - Drought stricken

पिछले साल झारखंड में पड़े सूखे का मार जामताड़ा के किसान अबतक झेल रहे हैं. 2018-19 में सूखा घोषित होने के बाद जामताड़ा के किसानों को फसल मुआवजे की राशि अबतक नहीं मिली है. जिसके कारण किसान सरकारी लापरवाहियों का दंश झेल रहे हैं.

Drought stricken farmers have not yet received of compensation amount in jamtara
किसान

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Published : Jan 13, 2020, 11:12 AM IST

जामताड़ा: साल 2018-19 में जामताड़ा जिला को सूखा घोषित किया गया था. सरकार इसको लेकर सुखाड़ मद भी जिले को आवंटित कर दी है, पर किसानों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है. किसानों के लिए ना तो फसल बीमा की राशि दी गई और ना ही सरकारी धान क्रय केंद्र खुले. जिसके कारण किसान अपने फसल को औने-पौने दामों में बिचौलियों को बेचने पर विवश हैं.

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जिला प्रशासन के कारण हो रही भुगतान में देरी

सुखाड़ घोषित होने के बाद भी जामताड़ा के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. किसानों को अबतक फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. सुखाड़ राहत मद में जिला प्रशासन के पास करीब 9 करोड़ 42 लाख 33 हजार 811 रुपए आवंटित हुए हैं. इसके बावजूद यहां के किसानों के बीच इस राशि का वितरण अब तक नहीं हो पाया है. वहीं, अब तक किसानों के लिए सरकारी धान क्रय केंद्र भी नहीं खोला गया है. अगर धान क्रय खोला गया होता तो यहां के किसान उचित मूल्य पर धान को बेच पाते. अब हाल यह है कि किसान अपने धान को औने-पौने दामों में बेच रहे हैं. किसानों का कहना है कि सुखाड़ का पैसा अभी तक तो नहीं मिला, पर सरकार को बिचौलियों के हाथों कम दाम में धान को बेचने से रोकना चाहिए.

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उपायुक्त ने आचार संहिता का हवाला देते हुए विलंब होने की बात कही

बता दें कि साल 2018-19 में जामताड़ा को सुखाड़ घोषित करने के बाद राज्य सरकार ने मुआवजे के लिए एक नियमावली बनाई थी. उस समय किसानों को बताया गया था कि सिंचित क्षेत्र के फसल नष्ट होने पर प्रति एकड़ 13 हजार 800 रुपए और असिंचित क्षेत्र में फसल बर्बाद होने पर प्रति एकड़ की दर से 6 हजार 800 रुपए किसानों को दिए जाएंगे. इसको लेकर जब किसानों ने उपायुक्त गणेश कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लगने के कारण इसका भुगतान नहीं हो पाया था. अब सुखाड़ के सर्वे आने के बाद जांच रिपोर्ट के अनुसार मुआवजे राशि का भुगतान की जाएगी. बहरहाल, राज्य में नई सरकार की गठन के बाद जामताड़ा के किसानों को काफी उम्मीद है. उनका सुखाड़ राहत और फसल बीमा के साथ-साथ धान क्रय केंद्र में भी उचित मूल्य मिलने की उम्मीद है.

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