जामताड़ा: साल 2018-19 में जामताड़ा जिला को सूखा घोषित किया गया था. सरकार इसको लेकर सुखाड़ मद भी जिले को आवंटित कर दी है, पर किसानों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है. किसानों के लिए ना तो फसल बीमा की राशि दी गई और ना ही सरकारी धान क्रय केंद्र खुले. जिसके कारण किसान अपने फसल को औने-पौने दामों में बिचौलियों को बेचने पर विवश हैं.
जिला प्रशासन के कारण हो रही भुगतान में देरी
सुखाड़ घोषित होने के बाद भी जामताड़ा के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. किसानों को अबतक फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. सुखाड़ राहत मद में जिला प्रशासन के पास करीब 9 करोड़ 42 लाख 33 हजार 811 रुपए आवंटित हुए हैं. इसके बावजूद यहां के किसानों के बीच इस राशि का वितरण अब तक नहीं हो पाया है. वहीं, अब तक किसानों के लिए सरकारी धान क्रय केंद्र भी नहीं खोला गया है. अगर धान क्रय खोला गया होता तो यहां के किसान उचित मूल्य पर धान को बेच पाते. अब हाल यह है कि किसान अपने धान को औने-पौने दामों में बेच रहे हैं. किसानों का कहना है कि सुखाड़ का पैसा अभी तक तो नहीं मिला, पर सरकार को बिचौलियों के हाथों कम दाम में धान को बेचने से रोकना चाहिए.