जामताड़ा: कोरोना के इस संकट के दौर में सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षण संस्थान और पढ़ने वाले छात्र छात्राओं पर पड़ा है. इसका असर इस साल मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों पर पड़ रहा है. इस साल मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को सिलेबस के तैयारी में ऑनलाइन और ऑफलाइन के क्लास से किसी तरह तैयारी करने में जुटे हैं.
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परीक्षा का तैयारी करने में करने पड़ रही है मशक्कत
कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभाव शिझण संस्थान एवं पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ा है. लंबे समय से स्कूल शिक्षण संस्थान बंद रहने से इस बार मैट्रिक परीक्षा देने वाले इंटर के विद्यार्थियों पर काफी पड़ा है. ऑनलाइन से तैयारी कर पढ़ाई करने में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऑफलाइन क्लास शुरू होने और सिलेबस घटाने से छात्रों को राहत महसूस हो रही है. निजी स्कूल के मैट्रिक देने वाले विद्यार्थी एवं शिक्षक सिलेबस की तैयारी करने में लगे हुए हैं.
क्या कहते हैं निजी स्कूल के छात्र-छात्रा
निजी स्कूल पढ़ने वाले मैट्रिक के परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास में उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी, ठीक से समझ नहीं पा रहे थे. अब ऑफलाइन होने से उनकी मैट्रिक की परीक्षा तैयारी हो रही है.
क्या कहते हैं निजी स्कूल के शिक्षक एवं प्राचार्य
निजी स्कूल के शिक्षक और प्रसाद का कहना है कि ऑनलाइन क्लास में सही रूप से बच्चे का विकास नहीं हो पाता था, पढ़ाई सही नहीं हो पाती थी. ऑनलाइन क्लास से थोड़ी दिक्कत हुई है. कोरोना ने बच्चे के विकास पर थोड़ा प्रभाव डाला है. फिर भी ऑफलाइन क्लास शुरू होने से सिलेबस के हिसाब से उन्हें पूरी तैयारी करा दी गई है. उसी हिसाब से परीक्षा लेने का भी तैयारी शुरू कर दी गई है. ताकि बच्चे का कैरियर बन सके और कोई फेल ना हो.
सरकारी विद्यालय के परीक्षार्थियों को हो रही है ज्यादा परेशानी
निजी स्कूल के प्रबंधन यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्रा मैट्रिक परीक्षा की तैयारी में पूरी तरह से जुटे हैं. उनकी तैयारी सही रूप से कराई जा रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मैट्रिक परीक्षा देने वाले को हो रही है. उन्हें ऑनलाइन क्लास और ऑफलाइन क्लास में भी कम संख्या में ऑफलाइन क्लास होने से सही रूप से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं. जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल है, वैसे बच्चे ऑनलाइन नेट की सुविधा रहने से तो थोड़ी बहुत तैयारी कर ले रहे हैं. अधिकतर बच्चे के पास एंड्रॉयड फोन नहीं रहने एवं नेट की सुविधा नहीं है. ऐसे में उनकी तैयारी पढ़ाई में थोड़ी परेशानी हो रही है.