जामताड़ा: जिला में बिना हाजत के साइबर थाना चलता है. यहां हाजत की कोई व्यवस्था नहीं है. अपराधी को रात होने पर दूसरे थाने में रखा जाता है. जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
स्थानीय कानून के जानकार बताते हैं कि किसी भी थाने में महिला और पुरुष हाजत का होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि थाने में हाजत नहीं होना गैरकानूनी है. जामताड़ा साइबर अपराधी को शौच और पानी पीने के लिए बाहर ले जाना पड़ता है. आलम यह है कि साइबर थाने में साइबर अपराधियों के लिए शौच और पीने के पानी के लिए भी व्यवस्था सही रूप से नहीं है. साइबर अपराधियों को शौच लगने और पानी पीने के लिए थाने के बाहर ले जाना पड़ता है. बताया जाता है कि हर थाने में हाजत के साथ-साथ माल खाने की भी व्यवस्था रहती है.
इसे भी पढ़ें-कोरोनाकाल के बीच दुर्गा पूजा में कोल कर्मचारियों को मिलेगा बोनस, सीटू ने किया स्वागत
पुलिस साइबर अपराधियों को पकड़ने के साथ-साथ सामान भी बरामद करती है. बरामद सामान को रखने के लिए साइबर थाने में माल खाने की व्यवस्था रहती है, लेकिन बताया जाता है कि जामताड़ा साइबर थाना में माल खाना तक की व्यवस्था नहीं है.
साइबर अपराध को लेकर देशभर में चर्चित है जामताड़ा
साइबर अपराध को लेकर जामताड़ा पूरे देशभर में बदनाम हो चुका है. साइबर अपराधी बैंक अधिकारी बनकर जामताड़ा से अपना पूरा नेटवर्क पूरे देशभर में फैला रखा है. ये लोग चंद मिनटों में लोगों का अकाउंट खाली कर देते हैं.
अमिताभ बच्चन से लेकर केंद्रीय मंत्री को लगा चुके हैं चूना