झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Jamtara News: 200 साल पुराने पेड़ को काटे जाने से अधिवक्ताओं में आक्रोश, सरकार से की कार्रवाई की मांग

जामताड़ा के पुराना कोर्ट परिसर में पेड़ काटे जाने का अधिवक्ताओं ने विरोध किया है. नए भवन निर्माण के लिए करीब 200 साल पुराने पेड़ को काटा जा रहा है. इससे अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है.

cutting of 200 years old tree
cutting of 200 years old tree

By

Published : Apr 17, 2023, 10:29 AM IST

देखें वीडियो

जामताड़ा: जिले के पुराना कोर्ट परिसर में लगभग 200 साल पुराने पेड़ को काटे जाने से अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है. अधिवक्ताओं ने इसे लेकर काफी विरोध जताया है. विरोध जताते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि पुराना कोर्ट परिसर में लगा पेड़ करीब 200 साल पुराना है, जो जामताड़ा के लोगों की भावना से जुड़ा हुआ है. जब भी गांव में कुछ लड़ाई झगड़ा होता था, तो पुराना कोर्ट परिसर में लगे पेड़ के नीचे लोग पहुंचते थे. आज उसी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें:Jamtara News: बेटे को लेकर पति-पत्नी में चल रहे विवाद से जामताड़ा कोर्ट परिसर में हुआ हंगामा, देखें वीडियो

सरकार से कार्रवाई करने की मांग:पुराना कोर्ट परिसर में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं ने सरकार के वरीय पदाधिकारियों से लिखित रूप से शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है. अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो इसके लिए अधिवक्ता समाज कानूनी लड़ाई लड़ेगा. अधिवक्ताओं ने कहा कि भवन निर्माण कार्य के लिए कई अन्य जगह भी हैं. बावजूद प्रशासन और ठेकेदार पेड़ को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

जामताड़ा पुराना कोर्ट परिसर झारखंड का सबसे पुराना अनुमंडल कोर्ट है, जो अंग्रेजो के समय से चला आ रहा है. पुराना कोर्ट परिसर में बने भवन को तोड़कर कंबाइंड अनुमंडल बिल्डिंग बनाने का टेंडर स्वीकृत किया गया है, जिसे लेकर निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है.

विशाल पेड़ के नीचे अधिवक्ताओं का भी बसेरा: पुराना कोर्ट परिसर में शिरीष नाम का विशाल पेड़ लगा हुआ है, जिसकी आयु लगभग 200 साल पुरानी बतायी जाती है. स्थानीय लोगों और वकीलों को कहना है कि जब लोगों का झगड़ा होता था तो वे इसी पेड़ के नीचे फैसला और न्याय के लिए पहुंचते थे. इस पुराने कोर्ट परिसर में आलम यह है कि अधिवक्ताओं को इसी पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर अपना काम करना पड़ता है. उनके बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. यहां आने वाले लोगों के लिए भी ना बैठने की व्यवस्था है, ना ही शौचालय की और ना ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था है. खासकर महिलाओं को तो और परेशानी झेलनी पड़ती है, लेकिन आज तक इस ओर प्रशासन ने कभी ध्यान नहीं दिया. यहां तक कि कोर्ट परिसर की जमीन पर सड़क बना दी गयी, जिसका भी अधिवक्ताओं ने कई बार विरोध जताया, लेकिन कार्रवाई सिफर ही रहा. फिलहाल पुराना कोर्ट परिसर में वर्षो पुराने पेड़ को नुकसान पहुंचाने और बिना अधिवक्ताओं को जानकारी दिए निर्माण कार्य शुरू किए जाने से अधिवक्ताओ में नाराजगी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details