जामताड़ा: पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित संथाल परगना का जामताड़ा जिला धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी ऐतिहासिक जिला माना जाता है. 26 अप्रैल 2001 को दुमका जिला से काटकर जामताड़ा को एक नया जिला बनाया गया. जामताड़ा का साक्षरता प्रतिशत 6 3.73 फीसदी है. यहां की जनसंख्या 7 लाख 91 हजार 42 है, जिसमें पुरुष 4 लाख 48 हजार 30 और महिला 3 लाख 84 हजार 212 है. धनबाद से गिरिडीह, देवघर, दुमका सीमावर्ती जिले हैं.
फुरकान अंसारी के बाद भाजपा ने किया कब्जा
जामताड़ा जिला प्राकृतिक, धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण जिला है. लादना डैम यहां प्राकृतिक सुंदरता पर चार चांद बिखेरता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन ने अपना राजनीतिक सफर यहीं से शुरू किया. शिबू सोरेन ने यहीं से महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन छेड़ा. चिरूडीह कांड के बाद दिशुम गुरु के नाम से प्रसिद्ध हुए और सत्ता के शिखर तक पहुंचे. आदिवासी और मुस्लिम बहुल क्षेत्र रहने के कारण जामताड़ा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. 25 सालों तक गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी प्रतिनिधि करते रहे. फुरकान के सांसद बनने के बाद इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया. हालांकि फुरकान अंसारी के बेटे इरफान अंसारी ने इस सीट पर कब्जा जमा लिया और विकास के दावे कर अपने पिता के रिकॉर्ड को तोड़ने की फिराक में हैं.