जामताड़ा: कोरोना को लेकर करीब चार महीने से यात्री वाहन का परिचालन ठप पड़ा है. नतीजा जामताड़ा बस पड़ाव में सन्नाटा पसरा हुआ है. जिसका असर बस के चालक, खलासी, बुकर और एजेंट पर पड़ रहा है. जिनकी स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है.
जामताड़ा बस स्टैंड में पसरा सन्नाटा कोरोना को लेकर करीब चार महीने से यात्री वाहनों का परिचालन बंद है. यात्री बस खड़े-खड़े जंग खाने लगी हैं. चालक, खलासी, बुकिंग एजेंट सभी बेरोजगार हो गए हैं. जिनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. स्थानीय एजेंट का कहना है कि बस का परिचालन नहीं होने से बेरोजगार हैं, अब उन्हें आत्महत्या करने के सिवाए कुछ सूझ नहीं रहा.
दुकानदारों पर भी पड़ रहा असर
बस पड़ाव में छोटे-मोटे दुकान चलाकर रोजी रोटी कमाने वाले के धंधे पर भी काफी असर पड़ रहा है. जिनका धंधा काफी मंदा हो गया है. बस पड़ाव में दुकानदारों का कहना है कि बस परिचालन नहीं होने से उनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है, बिक्री नहीं हो पा रही है. जिससे उनका परिवार चलाना मुश्किल हो गया है.
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आर्थिक संकट का सामना
बहरहाल, बस परिचालन नहीं होने से इस कोरोना काल में जहां गाड़ी मालिक, चालक, खलासी, बुकर, एजेंट के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है. वहीं, बस पड़ाव में छोटे-मोटे दुकान चलाने वालों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.