जामताड़ा: संथाल परगना और कोयलाचंल को जोड़ने वाली जामताड़ा वीरगांव बराकर नदी पर बनने वाला पुल सालों से अधूरा पड़ा है. नतीजा लोगों को पुल नहीं रहने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सालों से अधूरा पड़ा है पुलपुल के अधूरे निर्माण के कारण बारिश के दिनों में लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है. नदी में पानी रहने पर नाव का सहारा लेना पड़ता है. जान जोखिम में डालकर लोग नाव में सवार होकर इस पार से उस पार जाने को मजबूर होते हैं. स्थानीय बताते हैं कि पुल अधूरा रहने से काफी परेशानी होती है. नाव से आना-जाना करना पड़ता है, पुल बन जाने से आसानी होगी.
पुल निर्माण में भ्रष्टाचार ये भी पढ़ें-राज्यसभा चुनावः झारखंड के 'रण' में तीन दावेदार, कौन मारेगा बाजी किसकी होगी हारभ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है यह पुलबताया जाता है कि अलग झारखंड निर्माण के बाद जामताड़ा जिला और धनबाद जिला के बीच वीरगांव बरबंदिया बड़ाकर नदी पर बनने वाली करोड़ों की लागत से पुल निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था. जब पुल निर्माण कार्य शुरू हुआ तो लोगों को काफी उम्मीद थी कि अब उन्हें आने जाने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्षेत्र का विकास होगा और आसानी से आना-जाना कर सकेंगे. लेकिन निर्माणाधीन पुल अत्यधिक बारिश के कारण नदी की पानी के बहाव में पुल का पिलर बह गया. बताया जाता है कि तब से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा यह पुल अधूरा पड़ा हुआ है. आज तक पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया. इस बारे में स्थानीय जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी से पूछने पर उन्होंने इसके लिए पूर्व की सरकार भाजपा को दोषी ठहराया और कहा कि अब उनकी सरकार बनी है, शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.