जामताड़ाः शहरी क्षेत्र के गरीब लोगों का प्रधानमंत्री आवास नहीं बन पा रहा है. नतीजा ये हुआ कि वो अपने आशियाने को पक्का मकान बनने की आस में तोड़ दिए. अब प्रधानमंत्री आवास नहीं बन पाने से किराए की झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.
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जामताड़ा शहरी क्षेत्र के महुलडंगाल में रहने वाले गरीबों का प्रधानमंत्री आवास पूरा नहीं हो पा रहा है. इन लाभुकों का जो कच्चे मकान में रह रहे थे, उन्होंने उसे प्रधानमंत्री आवास का पक्का मकान बनने की आस में तोड़ दिया. अब महीनों गुजर गए योजना के तहत बनाए जा रहे मकान का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इस वजह से लाभुक अब किराए की झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.
इन लोगों में ज्यादातर ठेका चलाकर या फिर मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं. महिलाएं दूसरों के घर चौका-बर्तन कर अपना घर चलाती हैं. किराए के मकान में रह रही विधवा सावित्री देवी अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहती हैं कि उसका कोई नहीं है, पीएम आवास का पक्का मकान मिलने की चाह में, जो कच्चा मकान था उसने उसे भी तोड़ दिया. आधा मकान बना उसके बाद आवास नहीं बन पा रहा है और ना ही पैसा मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि अब वो किराए के मकान में रहती हैं और जो वृद्धा पेंशन मिलता है वह किराए में दे देती हैं, ऐसे में वो कहां जाएं और अपना गुजारा कैसे करे. सावित्री देवी की तरह ही कई लाभुक इसी तरह झोपड़ी में रहने को मजबूर है. इलाके में रहने वाले कई लोगों का पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाले मकान का निर्माण कार्य अधूरा है. इस बारे में संबंधित वार्ड पार्षद से जब पूछा गया तो उनका कहना है कि सबका प्रधानमंत्री आवास का मकान पूरा हो चुका ,है कुछ लोगों का बाकी है जो निर्माणाधीन है उन्हें भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा.