जामताड़ा: जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में आम लोगों के लिए बना शौचालय बदहाल है. इसके चारों तरफ गंदगी से पटा हुआ है. शौचालय की स्थिति इतनी खराब है कि लोग बाहर ज्यादा जाना ज्यादा उचित समझ रहे हैं. इसमें महिलाओं को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति ऐसी है कि नाक बंद कर किसी तरह शैचालय का उपयोग करना पड़ता है.
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क्या कहते है लोग:स्थानीय महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है. कहने के लिये पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बने हुए हैं. लेकिन शौचालय की स्थिति इतनी नारकीय है कि पुरुष तो अपना इधर उधर जाकर काम निकाल लेते हैं लेकिन महिलाएं परेशानी में फंस जाती हैं. उन्हें काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है. जामताड़ा कोर्ट में पहुंची एक महिला ने कहा कि शौचालय काफी गंदा है उसके चारों तरफ दुर्गंध फैली रहती है. नाक बंद कर मुश्किल से जाना पड़ता है. साफ-सफाई करने वाला या कोई देखने वाला नहीं है. कहा कि देख-रेख और सफाई के अभाव में ये स्थिति है. इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
कोर्ट में आए पुरुष ने भी यहां के शौचालय के हालता के बारे में चर्चा की. उसने कहा कि शौचालय काफी गंदा है. इससे आस-पास लोगों में बीमारी फैलने के पूरे आसार दिखते हैं. सफाई नहीं होने से शौचालय में नाक बंद करके भी जाना मुश्किल है. कहा कि ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले समय में परिस्थिति और भयावह हो जाएगी.
झारखंड राज्य के झारखंड उच्च न्यायालय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के मौके पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अदालत में बने शौचालय खासकर महिला शौचालय के नहीं रहने को लेकर सवाल उठाया था. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के टिप्पणी के बाद भी जामताड़ा जिला व्यवहार न्यायालय में इसका कोई असर नहीं देखा जा रहा है.