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जामताड़ा में छठ पूजा को लेकर माहौल भक्तिमय, नियम और श्रद्धा के साथ छठ व्रतियों ने किया खरना

जामताड़ा में छठ पर्व को लेकर भक्तिमय माहौल है. नहाय खाय के बाद छठ व्रतियों ने आज खरना किया. दूध खीर और गुड़ से छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद तैयार की. खरना के प्रसाद का इस पर्व में बहुत महत्व है.

atmosphere devotional in Chhath Puja in Jamtara
प्रसाद तैयार

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Published : Nov 19, 2020, 7:24 PM IST

जामताड़ा: छठ पर्व को लेकर जामताड़ा का माहौल काफी भक्ति में हो गया है. नहाय खाय से शुरू इस पर्व में कद्दू भात के दिन छठ व्रतियों के ओर से पूरे नियम और श्रद्धा के साथ खरना किया जाता है. छठ व्रतियों ने पूरे श्रद्धा के साथ खरना का प्रसाद तैयार की.

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छठ पर्व को लेकर जामताड़ा का माहौल हुआ भक्तिमय

चार दिनों तक पूरे नियम और आस्था के साथ मनाए जाने वाले हिंदुओं का महान पवित्र पर्व छठ को लेकर जामताड़ा का माहौल भक्तिमय हो गया है. पूरा जामताड़ा छठ के भक्तिमय माहौल में डूब गया है. नहाय खाय के बाद छठ व्रतियों ने खरना किया. दूध खीर और गुड़ से छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद तैयार की है. खीर के साथ रोटी भी प्रसाद में तैयार की जाती है. छठ व्रतियां दिनभर उपवास रहने के बाद स्नान कर काफी नियम और पवित्रता के साथ खरना का प्रसाद बनाने में लगती हैं. इसमें परिवार की अन्य महिलाएं भी हाथ बटाती हैं, और गीत गाती हैं. छठ व्रतियों का कहना है कि पूरे दिनभर उपवास रहने के बाद स्नान करने के बाद खरना का प्रसाद तैयार की जाती है और शाम को पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है, साथ ही परिवार के साथ समाज के लोगों को भी खरना का प्रसाद दिया जाता है.

कोरोना के कारण घर पर ही मन रहा छठ

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए अधिकतर छठ व्रतियां घरों में ही जलाशय बनाकर छठ पर्व मना रही हैं. छठ व्रतियों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार घाट पर नहीं जाकर अपने घर के छत पर ही जलाशय का निर्माण कराया है, ताकि परिवार के सदस्य और समाज के लोग कोरोना के संक्रमण से बच सके.


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खरना के बाद 24 घंटे छठव्रती रहती हैं निर्जला उपवास

खरना के बाद 24 घंटे छठव्रती निर्जला उपवास रहती हैं. अस्ताचलगामी भगवान भास्कर का अर्घ्य देने के बाद दूसरे दिन उदय मान भास्कर का अर्घ्य देते हैं. उदयमान भास्कर भगवान अर्ध्य देने के बाद छठ व्रतियां व्रत तोड़ती हैं.

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