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हजारीबागः किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर FPO के गठन पर कार्यशाला - हजारीबाग में कार्यशाला का आयोजन

हजारीबाग में किसान उत्पादक समूह एफपीओ के गठन को लेकर कृषि उत्पादन बाजार समिति के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला के दौरान एफपीओ के गठन के उद्देश्य से लेकर इसे ई-नाम से जोड़कर किए जाने वाले व्यापार के बाबत जानकारी दी गई

workshop in hazaribag for benefits of farmers, किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर FPO के गठन पर कार्यशाला
कार्यशाला में शामिल लोग

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Published : Sep 9, 2020, 6:31 PM IST

हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में किए जा रहे पहल के अंतर्गत हजारीबाग में किसान उत्पादक समूह एफपीओ के गठन को लेकर कृषि उत्पादन बाजार समिति के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें कृषि विभाग, आत्मा, मत्स्य विभाग, नाबार्ड, कोऑपरेटिव, पशुपालन से जुड़े पदाधिकारी, एफपीओ से जुड़े किसान एवं प्रगतिशील किसान भी शामिल हुए.

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इस दौरान एफपीओ के गठन के उद्देश्य से लेकर इसे ई-नाम से जोड़कर किए जाने वाले व्यापार की बाबत जानकारी दी गई. साथ ही पूर्व में गठित किसान उत्पादक समूह एफपीओ के कार्यों की जानकारी देते हुए अधिक से अधिक किसानों को एफपीओ से जोड़ने पर जोर दिया गया.

FPO के गठन पर कार्यशाला

उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता

चुरचू बाड़ी फल सब्जी उत्पादक समूह के फुलेश्वर महतो ने कहा कि किसानों की समस्या अपने उत्पाद को बाजार में बेचने की होती है. किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. एफपीओ से जुड़कर उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त हुआ है, बड़ा मार्केट मिला है. उन्होंने कहा कि उनके समूह की ओर से गेहूं, तरबूज, टमाटर, मिर्ची आदि की बिक्री की गई है और अच्छा मूल्य मिला है. उन्होंने कहा कि एफपीओ और ई-नाम से जुड़कर किसान अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकता है और उसके खाते में राशि मिल जाती है.

किसानों की आमदनी बढ़ाई जाएगी

वहीं, बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसान अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकता है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के समय में किसानों की समस्या को देखते हुए एफपीओ का गठन किया गया और हजारीबाग में बेहतर काम होने के कारण राज्य पूरे देश में एफपीओ मॉडल से बिक्री करने के मामले में पांचवा राज्य बना. उन्होंने कहा कि 32 लाख रुपए का उत्पाद बेचा गया और डिजिटल पेमेंट कराया गया है.

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जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र किशोर ने बताया कि सीमांत किसानों को एफपीओ से जोड़कर उनके उत्पाद को बेहतर और बड़ा बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार एक तरफ किसानों की लागत को कम करना चाहती है तो दूसरी ओर उसके उत्पाद के लिए बाजार की समस्या का समाधान कर रही है. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को एफपीओ से जोड़कर लाभ दिलाया जाएगा और उनकी आमदनी बढ़ाई जाएगी.

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