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हजारीबाग में विकास के नाम पर मिट्टी से भरा जा रहा था झील, समाजसेवियों ने विधायक के साथ मिलकर बंद कराया काम - हजारीबाग में झील

हजारीबाग में विकास के नाम पर झील का एक हिस्सा मिट्टी से भरा जा रहा था, जिसको लेकर स्थानीय लोगों और समाजसेवियों में आक्रोश था. शुक्रवार को झील में मिट्टी डालने का काम चल रहा था. इसी दौरान कई लोगों ने मौके पर पहुंचकर काम रोकवा दिया. मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक मौके पर पहुंचे और विभाग के अधिकारियों को काम रोकवाने की चेतावनी दी.

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मिट्टी से भरा जा रहा था झील

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Published : Apr 3, 2021, 4:41 AM IST

हजारीबाग: शहर की झील एक पहचान है. कोई भी व्यक्ति अगर हजारीबाग पहुंचता है तो एक बार झील देखने जरूर पहुंचता है, जहां श्रृंखलाबद्ध चार झील आकर्षण का केंद्र है, लेकिन विकास के नाम पर झील का एक हिस्सा मिट्टी से इन दिनों भरा जा रहा था, जिसका प्रकृति प्रेमियों ने विरोध करना शुरू कर दिया. मामले की जानकारी मिलते ही कई लोग मौके पर पहुंच गए और हंगामा करना शुरू कर दिया. हजारीबाग सदर विधायक और समाज के लोगों के प्रयास से काम को बंद कराया गया.

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विकास के नाम पर पीएचडी विभाग के ओर से झील के एक भाग को मिट्टी से भरा जा रहा था. यह खबर हजारीबाग में आग कि तरह फैल गई, जिसके बाद से प्रकृति प्रेमियों ने विरोध करना शुरू कर दिया. कई प्रकृति प्रेमी और समाजसेवी झिल परिसर पर पहुंच गए और मिट्टी भरने के काम को रोकवा दिया. मामले की जानकारी मिलते ही हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल भी झील परिसर पहुंचे और संवेदक के मुंशी को फटकार लगाते हुए संवेदक से बात कराने को कहा. उसके बाद उन्होंने विभाग के अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि अविलंब इसे रोका जाए, जिसके बाद काम बंद करवा दिया गया.

झील पर इंटक वेल बनाने की योजना

जानकारी के अनुसार चार नंबर झील पर 30 मीटर तक इंटक वेल बनाना है, जहां वाटर सप्लाई किया जाएगा और उसी के लिए मिट्टी भरकर रास्ता बनाने का कार्य किया जा रहा था. विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि जब कोनार जलापूर्ति योजना चल रही है, छड़वा डैम से पहले से पानी आ रहा है, तो झील से वाटर सप्लाई का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि अगर यदि ऐसा प्लानिंग है तो गलत है, विभाग के वरीय पदाधिकारियों से बात कर इस योजना को स्क्रैप कराने कि कोशिश की जाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि योजना स्क्रैप हो या ना हो झिल में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं होने देंगे.

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प्रकृति के साथ खिलवाड़: समाजसेवी
वहीं समाजसेवी भैया अभिमन्यु प्रसाद ने कहा कि यह प्रकृति के साथ खिलवाड़ है, हम लोग झील में आकर साफ सफाई करते हैं, पूजा का फूल भी झिल में नहीं डाला जाता है, ऐसे में विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, यह बेहद ही गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि हम लोग काम यहां नहीं होने देंगे.

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