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हजारीबाग की सुदूरवर्ती गांव की महिलाएं करोना की लड़ाई में निभा रहीं अपनी भागीदारी, DC ने भी की प्रशंसा - दारू प्रखंड विकास पदाधिकारी ने की प्रशंसा

हजारीबाग के सुदूरवर्ती दारू गांव की महिला मंडल कोरोना वायरस से लड़ने में अपनी भूमिका निभा रही हैं. हजारीबाग में मास्क की कमी को देखने के बाद महिलाओं ने मास्क बनाने का जिम्मा लिया लिया है. महिलाओं का कहना है कि इस मुहिम की मदद से गरीब से गरीब तबके के लोगों को मास्क सस्ते दामों में मिल सकेगा. वहीं, महिलाओं के इस कार्य को उपायुक्त ने भी सराहा है.

Women of Daru village of Hazaribag are making masks to fight with corona virus
अधिकारी ने की प्रशंसा

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Published : Mar 21, 2020, 5:40 PM IST

Updated : Mar 22, 2020, 11:43 AM IST

हजारीबाग: करोना वायरस से इन दिनों पूरा विश्व लड़ाई लड़ रहा है. कई वैज्ञानिक और हजारों हजार की संख्या में डॉक्टर इसके खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी इस वायरस को लेकर सरकार और आम जनता को मदद पहुंचाने की तैयारी में जुट गई है.

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महिला मंडल ने मास्क बनाने के लिया जिम्मा

हजारीबाग में मास्क की भारी कमी हो गई है. आलम यह है कि व्यवसाई कालाबाजारी भी करने को आतुर हो गए हैं. इसे देखते हुए हजारीबाग के सुदूरवर्ती दारू गांव की महिला मंडल ने मास्क बनाने का बीड़ा उठाया है, जो 1 दिन में 1000 से अधिक मास्क बनाएंगी. यह मास्क 2 लेयर का रहेगा. ताकि वायरस का असर कम से कम हो. जिसकी कीमत 20 से 25 रुपए के आसपास होगी.

मास्क बनाने के दौरान

दीदी कैफे में आर्डर करें: DC

जिला प्रशासन भी इनके इस कदम में इनका साथ दे रहा है. हजारीबाग के उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने दारू के बीडीओ सह सीओ राम रतन वर्णवाल एवं जीएलसीपी के गौरव जायसवाल को इस दिशा में मॉनिटरिंग करने का काम भी सौंपा है. उपायुक्त का दावा है कि जिसे भी बल्क में मास्क चाहिए वे जिला समरणालय के दीदी कैफे में आर्डर सुनिश्चित करे सकते हैं. 24 घंटे के अंदर आर्डर उपलब्ध करा दिया जाएगा. जिसके लिए एसएचजी से जुड़ी महिलाएं करोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को मास्क की जरूरत को पूरा कर रही है.

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गरीबों तक पहुंचे मास्क

दारू प्रखंड की बासोबार गांव की आजीविका महिला ग्राम संगठन ने यह बीड़ा उठाया है कि राज्यभर में मास्क की कमी नहीं होने देंगे. इसे लेकर कई संगठन की महिलाएं मास्क बना रही हैं और उन्हें सस्ते दामों में बाजार में उपलब्ध करा रही है. ताकि गरीब तबके के लोग भी इस मास्क का उपयोग कर सकें. मास्क बनाने वाली महिला बताती है कि पूरा विश्व जब इस बीमारी के जाल में फंसता जा रहा है और हर एक कोई चाहता है कि इससे निजात पाएं. इसे लेकर डॉक्टर दवा की खोज कर रहे हैं तो वैज्ञानिक कारणों का.

मास्क बनाती महिलाएं

500 मास्क बन रहा रोज

ऐसे में हम लोग ने सोचा कि हम भी देश और समाज के लिए कुछ करे. इसी सोच से हमने मास्क बनाना शुरू किया. ऐसे में जिला प्रशासन और स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी ने भी हमें प्रेरित किया. आज हम मास्क बना रहे हैं. पहले कम संख्या में मांग थी. लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ती जा रही है. हम प्रत्येक दिन लगभग 500 मास्क बना रहे हैं. अगर कोई अन्य व्यक्ति भी चाहें तो हमसे मास्क खरीद कर बाजारों में बेच सकता है.

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गांव की महिलाएं हो रही जागरुक

दारू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी राम रतन वर्णवाल भी कहते हैं कि हमारे लिए गौरव की बात है महिलाओं ने आकर जब हमसे अपनी यह बातें रखी तो हमें भी काफी आश्चर्य हुआ कि हमारे गांव की महिलाएं कितनी जागरूक हो गई हैं. इसके बाद हम लोगों ने इन्हें प्रोत्साहित भी किया और आज यह दीदी पूरे राज्यभर में प्रेरणा के स्रोत बन रही है. साथ ही साथ जब मास्क बना रही है तो जीवनोपार्जन के लिए वह कुछ पैसा भी कमा पा रही है. कहा जाए तो एक तरह से ये दीदी दो तरह की काम कर रही है पहला समाज के हर तबके के लिए मास्क बना रही है तो दूसरा अपने भरण-पोषण के लिए रुपए भी कमा रही हैं.

जागरूकता ही महामारी से बचने का उपाय

कहा जा सकता है कि हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव की महिला आज पूरे समाज और देश के लिए प्रेरणा की स्रोत है. ऐसे में हम सबको इनके मनोबल को भी बढ़ाने की जरूरत है. ये महिला भी कहती हैं कि इस महामारी से बचने का एकमात्र उपाय जागरूकता है. अगर हम जागरूक रहेंगे तो इसे मात भी दे सकते हैं.

Last Updated : Mar 22, 2020, 11:43 AM IST

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