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हजारीबाग: पसंदीदा रोजगार बन रहा सूअर पालन, कम मेहनत में कमा रहे लाखों - हजारीबाग में महिलाएं कर रही सूअर पालन

सूअर पालन एक अच्छा व्यवसाय के रूप में सामने आ रहा है. इसके तहत सूअर पालन में अनेक नवयुवकों-युवतियां रुचि दिखा रही हैं. हजारीबाग जिले में महिलाएं सूअर पालन का व्यवसाय कर रही है. इस व्यवसाय से इनकी सामाजिक स्थिति सही हो रही है.

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सूअर पालन

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Published : Dec 8, 2020, 11:25 AM IST

हजारीबाग: सूअर पालन बदलते समय के साथ एक नए रोजगार के रूप में लोगों को आकर्षित कर रहा है. अब गांवों में इससे रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं. ऐसे में हजारीबाग के भी ग्रामीण क्षेत्रों में अब महिलाएं सूअर पालन कर रही हैं, ताकि आर्थिक तंगी से निजात पाया जा सके.

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महिलाएं कर रहीं सूअर पालनधीरे-धीरे सूअर पालन एक बड़ा व्यवसाय बन रहा है. हजारीबाग में सूअर पालन करने वाली महिला कहती हैं यह एक अच्छा व्यवसाय है. जिससे पैसा भी कमाया जा सकता है. कम लागत और जगह में इस व्यवसाय को शुरू भी किया जा सकता है. हमलोगों ने यह व्यवसाय शुरू किया है और हम लोगों को महाजन से महीने में ऑर्डर भी मिलना शुरू हो गया है.कई संस्था कर रहे इसका व्यवसायइस व्यवसाय से जुड़े मार्केटिंग पदाधिकारी भी कहते हैं कि सूअर पालन पहले से ही बेहतर रहा है. लेकिन लोगों में जागृति नहीं थी और सामाजिक बंधन के कारण लोग इसका व्यवसाय नहीं कर पाते थे. लेकिन अब कई संस्था इसका व्यवसाय कर रहे हैं. किसान को उचित पैसा के साथ-साथ मदद भी कर रहे हैं. जैसे उन्नत किस्म की प्रजाति दे रहे हैं. वहीं रखरखाव और खिलाने के लिए भी जानकारी दी जा रही है. इस कारण लोग इसकी ओर आकर्षित भी हो रहे हैं.सूअर पालन बन रहा एक अच्छा व्यवसायवहीं पशुपालन विभाग के योजना पदाधिकारी का कहना है कि आज के समय में सूअर पालन एक अच्छा व्यवसाय बनता जा रहा है. अगर हजारीबाग की बात की जाए तो लगभग 60 बड़े फार्म है और छोटे फार्म की संख्या काफी अधिक है. हर साल लगभग 200 से 300 लोगों को हम लोग योजना का लाभ दे रहे हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि सूअर पालन में बहुत अधिक मेहनत भी नहीं है. होटल के वेस्ट प्रोडक्ट खाना के रूप मे दिया जाता है. जिससे इनका ग्रोथ काफी अच्छा होता है. जिसमें शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का वेस्टेज होता है.इसे भी पढ़ें-अस्पतालों में सड़ रहे बाइक एंबुलेंस, लोग झेल रहे हैं परेशानी


लघु सूअर पालन योजना
जिला पदाधिकारी महेश कुमार बताते हैं कि इस वक्त हम लघु सूअर पालन योजना के तहत 4 फीमेल और 2 मेल दे रहे हैं. जेएसपीएल समूह का चयन करती है. विभाग उन्हें पैसा देता है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इसमें 50% सब्सिडी है. लाभुक स्थानीय बाजार या फिर सरकारी फार्म से पिगलेट ले सकता है. उनका यह भी कहना है कि इस व्यवसाय के लिए बैंकों से लोन लेने की भी सुविधा है. वहीं सरकार के द्वारा भी कई योजना चलायी जा रही है. जिसे ऑनलाइन देखा भी जा सकता है और लाभ उठाया जा सकता है. व्यवसाय में सूअर के रहने के लिए बाड़ा का इंतजाम किया जाता है. उसमें भी सरकारी मदद मिलती है. इस कारण आज के समय में जो युवक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं इसे कर सकते हैं.

लोगों को होना होगा जागरूक
कुछ व्यवसाय ऐसे भी हैं जो दिखते छोटे स्तर के हैं. लेकिन उसमें मुनाफा अधिक होता है. ऐसे में सूअर पालन भी एक अच्छा व्यवसाय बन कर उभर रहा है. महिलाओं में इसे लेकर उत्साह भी है. जरूरत है पशु पालन विभाग को भी जागरूक होने की, ताकि इस व्यवसाय का लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सके.


सूअर पालन की विशेषताएं

  • पालन कम पूंजी और काम स्थान में किया जा सकता है.
  • वंश वृद्धि अधिकतम 8 से 12 महीना में होती है.
  • शारीरिक वृद्धि 500 से 800 तक प्रतिदिन होती है.
  • उत्पादन में मजदूरी कम में होता है.
  • बेकार खाद्य पदार्थ की कीमती उत्पादन में परिवर्तित करने की अद्भुत क्षमता होती है.
  • सूअर पालन में वंश सुधार की संभावना अधिक होती है.
  • 80% खाने योग्य भाग प्राप्त होता है.
  • देश विदेश में अच्छी मांग है.
  • चर्म उद्योग में इसकी अच्छी मांग है.
  • कई दवा में इसका उपयोग किया जाता है, इस कारण दवा कंपनी में भी इसकी मांग है.

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