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हजारीबागः ग्रामीणों ने एनटीपीसी से परिवहन फिर रोका, आंदोलन जारी - NTPC is not giving compensation to villagers

रोजगार की मांग को लेकर बड़कागांव प्रखंड स्थित एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल माइन्स के पोषक क्षेत्रों के ग्रामीणों का आंदोलन जारी है. ग्रामीणों के विरोध के चलते एनटीपीसी का कोयला खनन और परिवहन कार्य ठप पड़ गया है.

villagers protest in hazaribagh
ग्रामीणों का आंदोलन जारी

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Published : Jul 17, 2020, 8:03 PM IST

बड़कागांव/हजारीबाग: रोजगार की मांग को लेकर बड़कागांव प्रखंड स्थित एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल माइन्स के पोषक क्षेत्रों के ग्रामीणों का आंदोलन जारी है. ग्रामीणों के विरोध के चलते एनटीपीसी का कोयला खनन और परिवहन कार्य ठप पड़ गया है. इस बीच एनटीपीसी की मांग पर बीते दिन झारखंड सरकार के प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक और कंपनी प्रबंधन के बीच हुई वार्ता भी विवादों में घिर गई है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं सिंदुआरी गांव के ग्रामीणों ने भी अब 18 जुलाई से आंदोलन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है.

दरअसल, 3 जुलाई को चेपा गांव के लोगों ने रोजगार की मांग को लेकर कंपनी के कोयला परिवहन कार्य को ठप कर दिया था. इस पर एनटीपीसी ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर समस्या का समाधान कराने की मांग की. इस मांग पत्र पर 15 जुलाई को रांची स्थित नेपाल हाउस में झारखंड सरकार के खनन एवं भूतत्व विभाग के सचिव, स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद एवं एनटीपीसी के रांची मुख्यालय स्थित वरीय अधिकारियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई. इसके बाद कंपनी ने रात से काम शुरू करने की सहमति बनने की बात कहकर कोयला खनन और परिवहन कार्य शुरू कर दिया. इस पर विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि कंपनी से ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर कार्य प्रारंभ करने की बात कही गई थी. वह उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर सोशल मीडिया में वायरल कर रही है, जबकि भूतत्व एवं खनन सचिव की ओर से रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपे जाने की बात कही गई थी. इधर पंकरी बरवाडीह के ग्रामीणों ने अगले दिन फिर काम बंद करा दिया. अब सिंदुआरी गांव के ग्रामीण भी मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं. उन्होंने शनिवार से एनटीपीसी का सारा कामकाज ठप कराने का ऐलान किया है.

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राजस्व के भारी नुकसान की आशंका

ग्रामीणों के बिगड़े रुख से एनटीपीसी और त्रिवेणी कंपनी की चिंता बढ़ गई है. कंपनियों को डंप कोयले में स्वतः आग लगने की चिंता सता रही है. इससे कंपनी को करोड़ों रुपये के नुकसान के साथ-साथ देश एवं राज्य को भारी राजस्व की क्षति होने की बात कही जा रही है.

कंपनी का 2 लाख 22,000 टन कोयला डंप करने का दावा

कंपनी की ओर से चिरूदीह कोयला खदान के पास 2 लाख 22,000 टन अर्थात 22 रेलवे रैक कोयला डंप किए जाने की बात कही जा रही है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी जनता को बरगला रही है. चेपाकला एवं सिंदुआरी गांव के ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी एवं प्रशासन को उन्होंने ज्ञापन सौंपा था पर कंपनी ने ध्यान नहीं दिया.

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