हजारीबाग:जिले के मेडिकल कॉलेज में इन दिनों अव्यवस्था चरम सीमा पर है. जहां एक ओर संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है, तो दूसरी ओर इस्तेमाल की गई पीपीई किट खुले में ही फेंक दी गई है. जिससे यहां गंदगी का अंबार देखने को मिल रहा है.
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उपयोग में लाई गई PPE किट का लगा अंबार
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. ऐसे में डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय पीपीई किट का उपयोग करते हैं, ताकि वे संक्रमित ना हो जाए. लेकिन उपयोग करने के बाद पीपीई किट नष्ट करने के बजाय उसे खुले आकाश के नीचे फेंक दिया जा रहा है. इमरजेंसी वार्ड के बगल में हजारों की संख्या में उपयोग में लाई गई पीपीई किट फेंकी हुई है. इसके अलावा उपयोग में लाया गया डिस्पोजेबल सिरिंज भी यहां फेंका हुआ है.
संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा
ऐसे में पशु पक्षी पीपीई किट खाते नजर आ रहे हैं. वहीं, पंछी डिस्पोजेबल सिरिंज एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहे हैं. इसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा और भी अधिक बढ़ गया है. डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी किया है कि उपयोग में लाई गई पीपीई किट नष्ट करना है और नष्ट करने का भी तरीके का उल्लेख किया गया है. लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन नियम ताक पर रखकर नजरअंदाज कर रहे है. ऐसे में जहां एक ओर डॉक्टर संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं और उन्हें स्वस्थ कर घर भेज रहे हैं, तो दूसरी ओर संक्रमण का खतरा इन पीपीई किट से बढ़ता जा रहा है.
जरूरत है मामले पर संज्ञान लेने की
जहां पीपीई किट फेंकी गई है उसके बगल में ही पोस्टमार्टम हाउस है. ऐसे में वैसे मृतक के परिजन जो पोस्टमार्टम करवाने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, उन्हें भी संक्रमण खतरा बना हुआ है. वहीं, 10 कदम की दूरी पर इमरजेंसी वार्ड है जहां पूरे जिले भर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, ऐसे में उनमें भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.