झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

बोहनपुर में खुदाई में मिली धरोहर के संरक्षण की कवायद, म्यूजियम बनाकर पर्यटन के रूप में विकसित करने का प्रयास - सांसद जयंत सिन्हा

हजारीबाग के सदर प्रखंड के बोहनपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना-2 ईकाई खुदाई कर रही है. यहां से बुद्ध और मां तारा की 12 से अधिक प्रतिमा मिली हैं. हजारीबाग सांसद भी बोहनपुर आकर खुशी जताई. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में म्यूजियम बनाने के लिए भी केंद्र सरकार रूपरेखा बनाएगी.

Trying to conservation of heritage found in excavation at Bohanpur Hazaribag
बोहरनपुर में खुदाई

By

Published : Mar 15, 2021, 1:00 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 2:47 PM IST

हजारीबागः यह जिला सिर्फ अपने प्रकृति सुंदरता के लिए नहीं बल्कि अब ऐतिहासिक क्षेत्र के रूप में भी जाना जाएगा. हजारीबाग के सदर प्रखंड के बोहनपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना 2 ईकाई खुदाई कर रही है. खुदाई करने के दौरान बुद्ध और मां तारा की 12 से अधिक प्रतिमा मिली है. प्रतिमा व्हाइट फाइन सैंड स्टोन की बनी बताई जा रही है. वर्तमान समय में जो पता चला है कि यह 9 से11 शताब्दी के बीच की है. लगभग 1000 वर्ष से भी अधिक पुरानी यह प्रतिमाएं हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- कागज पर महिला को घोषित किया मृत, दफ्तरों में अधिकारियों से कह रही-'देखिये साहब मैं जिंदा हूं'

हजारीबाग के सांसद भी बोहनपुर का आकर मुआयना किया. उन्होंने आश्वासत किया कि यहां और भी अधिक तेजी से उत्खनन कार्य होगा. साथ ही साथ म्यूजियम बनाने के लिए भी केंद्र सरकार रूपरेखा बनाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में पर्यटन मंत्री भी इस क्षेत्र में आएंगे ताकि इस क्षेत्र का और भी अधिक विकास हो सके.

विश्व पटल पर हजारीबाग की बनेगी पहचान

हजारीबाग जिला का वैश्विक स्तर पर पहचान बनने जा रहा है. जहां बुद्ध और मां तारा की 12 से अधिक प्रतिमा मिली हैं. जो 9वीं से 11वीं शताब्दी की बीच की बताई जा रही है. अगर आज के समय की बात किया जाए तो ये मूर्तियां लगभग 1000 वर्ष से भी पुरानी है. यह प्रतिमा पाल वंश के समय की बताई जा रही है. खुदाई में मिट्टी हटाने के बाद 12 से अधिक मूर्ति स्पष्ट रूप से दिखने लगी हैं. सभी मूर्तियां एक ही लाइन में पाई गई है. खुदाई क्षेत्र का हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने भी मुआयना किया.

म्यूजियम बनाने की करेंगे कोशिश- सांसद जयंत सिन्हा

उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हजारीबाग भी एक समय काफी महत्व रखता था. यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है इस बात की पुष्टि यहां के पुरातात्विक धरोहर बता रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार बौद्ध सर्किट डिवेलप करने की बात कही है और हजारीबाग उस बौद्ध सर्किट का हिस्सा बनता नजर आ रहा है. आने वाले समय में हजारीबाग के बोहनपुर में हम लोग केंद्र सरकार की मदद से म्यूजियम भी बनाएंगे. साथ ही साथ यह कोशिश रहेगा कि पर्यटन मंत्री स्वयं यहां पर आएं और यहां की अद्भुत अलौकिक मूर्तियों को देखें. जिससे इस क्षेत्र का और भी अधिक विकास हो सके.

उन्होंने बताया कि दिल्ली में सत्र के दौरान पर्यटन मंत्री से हजारीबाग के इस धरोहर के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस क्षेत्र का विकास किया जाएगा ताकि पर्यटन की अपार संभावना के साथ-साथ रोजगार भी यहां उत्पन्न हो.

इसे भी पढ़ें- रखरखाव के अभाव में हजारीबाग की लोटवा सिंचाई परियोजना ने तोड़ा दम, किसानों की टूटी उम्मीद


और भी प्रतिमाएं मिलने के आसार

यहां खुदाई के दौरान अब तक की सबसे बड़ी बुद्ध की प्रतिमा का एक और स्रोत दिख रहा है. बताया जा रहा है कि लगभग 6.30 फीट ऊंची यह बुद्ध की प्रतिमा है. अब उसे निकालने के लिए उत्खनन हो रहा है. इसके अलावा भी आसपास के कई क्षेत्र हैं, जहां ऐसा प्रतीत होता है कि उत्खनन किया जाए तो कई धरोहर मिल सकते हैं. ऐसे में हजारीबाग के लोगों का कहना है कि हमारे जिला की पहचान बोधगया, नालंदा, पावापुरी की तर्ज पर होने जा रही है. इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावना है. जब क्षेत्र विकसित होगा तो विदेश से भी लोग पहुंचेंगे. जिससे हजारीबाग का नाम पूरे विश्व में होगा. जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलेगा.

हजारीबाग को अब एक नई पहचान मिलने जा रही है. बोहनपुर में अभी-भी क्षेत्र में दो अन्य तीनों टीलों की खुदाई होना बचा हुआ है. आने वाले समय में कई और पुरातात्विक धरोहर यहां से मिल सकते हैं. ऐसे में वैश्विक स्तर पर भी हजारीबाग की पहचान हो सकती है.

Last Updated : Mar 15, 2021, 2:47 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details