झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

हजारीबाग जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्राक्कलन समिति ने उठाए सवाल, जांच के घेरे में कई पदाधिकारी

हजारीबाग में विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने कई विभाग में भारी वित्तीय अनियमितता और प्राक्कलन के साथ छेड़छाड़ की बात कही है. इस मामले का प्राक्कलन कर संबंधित विभाग गुणवत्ता की जांच कर रही है, साथ ही कार्य में क्या प्रशासनिक चूक हुई है, उसे भी जांचा जा रहा है. जांच के बाद कार्रवाई की बात भी कही जा रही है.

Charges on functioning of Hazaribag district administration
हजारीबाग जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्राक्कलन समिति पर सवाल

By

Published : Jan 9, 2021, 7:35 PM IST

हजारीबाग: जिले में विगत 2 दिनों से प्राक्कलन समिति के सदस्य गहन चिंतन और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक के दौरान भारी अनियमितता की बात प्रकाश में आई है, जिसे लेकर प्राक्कलन समिति अब प्रतिवेदन देकर कार्रवाई करने की बात कह रही है. प्राक्कलन समिति में मुख्य रूप से चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा, गोमिया विधायक लंबोदर महतो, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, लातेहार विधायक बैजनाथ राम समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे.

देखें पूरी खबर
वित्तीय अनियमितता और प्राक्कलन के साथ छेड़छाड़

हजारीबाग में विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने कई विभाग में भारी वित्तीय अनियमितता और प्राक्कलन के साथ छेड़छाड़ की बात कही है. इस मामले का प्राक्कलन कर संबंधित विभाग गुणवत्ता की जांच कर रही है, साथ ही कार्य में क्या प्रशासनिक चूक हुई है, उसे भी जांचा जा रहा है. जांच के बाद कार्रवाई की बात भी कही जा रही है.

हजारीबाग में प्राक्कलन समिति ने जांच के दौरान ओडीएफ पर भी सवाल खड़ा किया है, साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना की गुणवत्ता को लेकर भी चिंता जाहिर की है. समिति का कहना है कि 1 लाख 30 हजार ग्रामीण क्षेत्रों में आवास बनाने के लिए दिया जाता है. शौचालय को लेकर राशि बेहद कम है.

ये भी पढ़ें-प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन, पीएम बोले-भारतीयों ने विश्व में सेवाभाव का परिचय दिया

अस्पताल भवन के निर्माण में प्राक्कलन से अधिक खर्च

समिति का मानना है कि इस महंगाई में यह राशि बढ़नी चाहिए. आवास के लिए कम से कम 4 लाख और शौचालय के लिए 1 लाख की राशि होनी चाहिए, तभी इसका उपयोग किया जा सकता है. समिति का यह भी कहना है कि 2016 से पहले और बाद में कई प्रधानमंत्री आवास का निर्माण नहीं हुआ है.

दूसरी ओर विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने कई वित्तीय अनियमितता भी पाई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हजारीबाग में करोड़ों रुपए के घोटाला हुए हैं. जिला परिषद के पार्क में निवेदिता में ही अनियमितता की गई है. हजारीबाग अस्पताल के भवन निर्माण में प्राक्कलन से अधिक खर्च किया गया है और भवन की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है, साथ ही स्पेशल डिवीजन की ओर से बनाया गया पुलिया और सड़क की स्थिति भी बेहद खराब है. ऐसे में भारी अनियमितता प्रतीत हो रही है.


कई पदाधिकारियों पर गिरेगी गाज
प्राक्कलन समिति का यह भी कहना है कि हजारीबाग में कई कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना थी. कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए 25 लाख रुपए कि निवेदिता निकाली गई थी, लेकिन 12 लाख 50 हजार रुपए में एक कोल्ड स्टोरेज बनाने मे खर्च हुई थी. इस बात का खुलासा हुआ और निविदा ही रद्द कर दी गई.

ऐसे में कई अभियंता ने सरकारी पैसे की दुरुपयोग करने की कोशिश की है. इस मामले को लेकर भी विधानसभा प्राक्कलन समिति अपना रिपोर्ट देगी और करवाई सुनिश्चित की जाएगी. जिस तरह से समिति ने सवाल खड़ा किया है हजारीबाग में सरकारी पैसे का विचलन किया गया और कई विभाग में भारी वित्तीय अनियमितता है. इसमें करोड़ों रुपए का घोटाला होने की संभावना है. ऐसे में अब जांच के दौरान कौन-कौन से पदाधिकारी पर गाज गिरेगी, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details