हजारीबाग: कोनार सिंचाई परियोजना उद्घाटन के महज 16 घंटे के अंदर नहर टूटने को लेकर सरकार सख्त दिखाई दे रही है. सरकार ने विभाग से 24 घंटे के अंदर जांच प्रतिवेदन सौंपने को कहा है. जिसके बाद तीन सदस्यीय जांच टीम हजारीबाग पहुंची और उसने क्षेत्र भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.
टीम ने 2 पेज की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि महज 28 मीटर नहर टूटी है और जहां नहर टूटी है वह तटबंध है. प्रतिवेदन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 10 किलोमीटर तक पक्का नहर बनाया गया है, इसके बाद नहर का हिस्सा कच्चा है. जांच प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा नहर का दरवाजा बंद कर दिया गया था. जिसके कारण 10 से 15 एकड़ खेतों में पानी घुस गया है, इस पानी से मकई की फसल बर्बाद हो गई.
जांच में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि चूहों के द्वारा नहर को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां से नहर शुरू होती है वहां से 32 किलोमीटर दूर कुसमराज पंचायत के घोसको गांव में यह घटना घटी है. अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय पदाधिकारी अगर संवेदनशील रहते तो शायद यह घटना नहीं घटती. वहीं अब अधिकारियों के ऊपर गाज गिरने की बात भी कही जा रही है.
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कोनार सिंचाई परियोजना 42 साल के बाद पूरी हुई थी. 28 अगस्त को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस परियोजना को राज्य की जनता के नाम किया था. हजारीबाग के बिष्णुगढ़ में भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था. सरकार ने लंबी चौड़ी उपलब्धि भी गिनाई थी. इस दौरान कई सांसद और विधायक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. ये योजना सरकार के लिए मान और सम्मान के साथ जुड़ी हुई है. ऐसे में नहर के एक हिस्से के टूटने से कई सवाल खड़े हुए हैं.