हजारीबाग: जिले के बड़कागांव में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसमें एक कार्यक्रम टेक्सटाइल से भी जुड़ा हुआ है, जहां लगभग 500 महिलाएं विभिन्न तरह के कपड़े तैयार करती हैं, लेकिन विगत 2 माह से बड़कागांव में विरोध प्रदर्शन के कारण यह अब बेरोजगार हो गईं हैं.
यहां तक कि उनके सामने दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए हैं. बड़कागांव में एनटीपीसी की सहायक कंपनी थ्रिवेणी सैनिक ने सीएसआर फंड से बड़कागांव में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए टेक्सटाइल उद्योग लगाया है, जिसमें 500 से अधिक महिलाएं काम करती हैं, लेकिन आज ये महिलाएं बेरोजगारी का दंश झेल रही है.
महिलाएं यहां कपड़ा बनाती है और फिर इन्हें बाजारों में बेजती हैं, ताकि आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो सकें, लेकिन विगत 2 माह से बड़कागांव में विरोध प्रदर्शन का दौर चल रहा है, जिसके कारण इनका उद्योग प्रभावित हुआ है, जिसके कारण महिला भुखमरी की कगार पर पहुंच रही हैं.
इनका कहना है कि विरोध के कारण गाड़ी फैक्ट्री तक नहीं पहुंच पा रहा है और हम अपना काम भी नहीं कर पा रहे हैं. यहां तक कि स्थानीय मजदूर जो विरोध प्रदर्शन में है वह भी हमें काम करने में रोक रहे हैं.