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निर्वाचन आयोग कर रहा चुनाव को हाईटेक बनाने की तैयारी, शिक्षकों को बूथ एप की दी गई ट्रेनिंग

झारखंड विधानसभा चुनाव को आसान बनाने के लिए बूथ एप का सहारा लिया जाएगा. इस एप में कई ऐसे फीचर हैं जिससे मतदान को आसान बनाया जा सकेगा. लोग एप के जरिए  आसानी से मतदाताओं के बारे में पूरी जानकारी निकाल सकते हैं. इस बूथ एप की जानकारी हजारीबाग में महिला शिक्षकों को दी गई.

booth app in Jharkhand
मतदाता जागरूकता अभियान

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Published : Nov 27, 2019, 9:36 PM IST

हजारीबागः झारखंड विधानसभा चुनाव हाईटेक होता जा रहा है. निर्वाचन आयोग ने कई एप चुनाव को आसान बनाने के लिए बनाए हैं. इसी में से एक बूथ एप है. हजारीबाग सदर विधानसभा में इस बार बूथ एप का इस्तेमाल सभी बूथों में किया जाएगा. जिसे लेकर हजारीबाग नगर भवन में महिला शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई.

क्या है बूथ एप
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में पहली बार चुनाव आयोग बूथ एप का इस्तेमाल करेगा. मतदाता पर्ची में दर्ज यू आर कोड को इस एप से स्कैन करने से मतदाता की सारी जानकारी मिल जाएगी. इससे मतदान से पहले की प्रक्रिया में काफी समय बचेगा. इससे कम समय में अधिक से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे. हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र के 486 बूथों में इस एप का ट्रायल किया जाएगा. मतदान केंद्रों में वोटिंग के दिन प्रतिनियुक्त मतदान कर्मी और बीएलओ के स्मार्टफोन में उपलब्ध इस एप के जरिए क्यूआर कोड को स्कैन किया जाएगा.

अधिकारियों का मानना है कि मतदाताओं की सहूलियत के लिए टोकन सिस्टम की भी व्यवस्था की जा रही है. जिसके तहत मतदान केंद्र में मतदाताओं को टोकन दिया जाएगा. टोकन में उन्हें जो नंबर मिलेगा, उसी हिसाब से अपनी बारी आने पर मतदाता मतदान करेंगे.

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शिक्षकों को एप की जानकारी दी गई
हजारीबाग नगर भवन में शिक्षकों को इस एप की जानकारी दी गई. इसके साथ ही उनके मोबाइल फोन में एप को डाउनलोड भी कराया गया. अधिकारियों का मानना है कि अगर यह ट्रायल सही रहा तो आने वाले समय में जो स्याही नाखून पर लगाई जाती थी, उसकी भी आवश्यकता नहीं होगी. हजारीबाग समेत पूरे झारखंड में 7 विधानसभा में इस एप का उपयोग किया जा रहा है. इसकी साथर्कता को देखने के बाद ही निर्वाचन आयोग फैसला लेगा.

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ट्रेनरों का कहना है कि वर्तमान दौर में टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में देखने को मिल रही है. ऐसे में आयोग टेक्नोलॉजी की भरपूर मदद ले रहा है. जिसका फायदा निर्वाचन में लगे कर्मियों और पदाधिकारियों को मिलेगा. ट्रेनिंग देने के बाद शिक्षक ने कहा कि उनके लिए यह काफी अच्छा एप है. जिसके जरिए कम समय में वोटरों को वोटिंग करा पाएंगे. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक फायदा यह कि फर्जी वोट डाले नहीं जा सकेंगे.

हालांकि इस एप में दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मत डालने की सुविधा दी जाएगी.

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