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होमगार्ड का बेटा बना सब-इंस्पेक्टर, पिता की आंखों से छलके आंसू - Son of home guard becomes sub inspector in jharkhand

सबसे खास पल वह पल होता है, जब आपकी सफलता पर आपके अपने नाज करे. कुछ ऐसा ही अनूठा पल रहा हजारीबाग के झारखंड पुलिस अकाडमी के दौरान शपथ ले रहे नवनियुक्त सब-इंस्पेक्टरों के परिजनों के लिए.

होमगार्ड का बेटा बना सब-इंस्पेक्टर

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Published : Oct 16, 2019, 7:29 PM IST

हजारीबाग:किसी भी पिता के लिए वह पल सबसे खास होता है, जब उसके बच्चे उससे भी ऊंचा नाम करे. बुधवार को हजारीबाग जिले में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. इस दिन नवनियुक्त 2504 सब-इंस्पेक्टरों में से 1170 सब-इंस्पेक्टरों को शपथ दिलाई गई. इन्हीं 1170 में एक सब-इंस्पेक्टर ऐसा है, जिसके पिता होमगार्ड के जवान हैं. ऐसे में अपने बेटे को पुलिस पदाधिकारी बनते देखना उनके जीवन का सबसे खुशनुमा पल रहा.

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बेहद परेशानी में पल कर अपने मंजिल को किया हासिल
अपने बेटे को सब-इंस्पेक्टर के रूप में शपथ लेते देख होमगार्ड जवान प्रमोद सिंह की आंखें भर आई. उन्होंने कहा कि बेटा उनका शुरू से होनहार था. वे उसके लिए कुछ अच्छा नहीं कर पाए लेकिन बेटे ने अपनी मेहनत से अपने सपनों को उड़ान दी है. वहीं, बेटे नयन सिंह ने कहा कि मेहनत से सब रास्ते आसान हो जाते हैं. इस पद तक आने के लिए उसने कड़ी मेहनत की थी और आज अपने माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू देखकर वह बहुत खुश है.

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1170 सब-इंस्पेटरों में 72 महिला
झारखंड के 2018-19 बैच में 2504 दरोगा ट्रेनिंग दी गई है, जिसमें 14 अक्टूबर को 1334 दरोगा का हजारीबाग के झारखंड पुलिस अकाडमी में पारण परेड कराया गया था. शेष बचे 1170 दरोगा को बुधवार को पारण परेड कराया गया. बुधवार को शपथ लिए 1170 सब इंस्पेक्टरों में 72 महिला सब-इंस्पेक्टर भी शामिल हैं. इन 1170 सब-इंस्पेक्टरों में 256 बीटेक के और 9 ने एमटेक की डिग्री हासिल की है.

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नए पदाधिकारियों के शामिल होने से घटेगा नक्सलवाद
कार्यक्रम के दौरान झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे ने कहा कि यह हमेशा चिंता का विषय रहा है कि आबादी के अनुसार पुलिस बल की संख्या में कमी है. 11,000 पुलिस और 2504 एसआई की नियुक्ति होने के बाद इस औसत में कमी आएगी, जिसका लाभ राज्यवासियों को मिलेगा. पुलिस का पहला काम अपराध और उग्रवाद पर नियंत्रण करना है. राज्य में नक्सलियों की संख्या घट रही है और नए पदाधिकारियों के झारखंड पुलिस में शामिल होने से यह संखया और घटेगी.

समाज की सेवा करें
वहीं, इस आयोजन में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि नवनियुक्त पुलिस अधिकारियों की बुनियाद में सिर्फ और सिर्फ सेवा का भाव होना चाहिए. वे समाज की सबसे गरीब जनता तक पहुंचे और उनके सेवक के रूप में काम करें. साथ ही अपराध पर नियंत्रण करने की कोशिश करें.

1000 से अधिक इंजीनियर बने हैं सब-इंस्पेक्टर
बता दें कि राज्य के तीन जगहों पर इन 2504 पुलिस पदाधिकारियों को ट्रेनिंग दिया गया है, जिसमें झारखंड पुलिस अकादमी, पदमा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर और जंगल वार फेयर नेतरहाट शामिल हैं. इस बैच की सबसे खास बात यह है कि इसमें 1000 से अधिक सब-इंस्पेक्टर इंजीनियर हैं. ये सभी अब राज्य के विभिन्न कोनों में अपनी सेवा देंगे.

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