हजारीबाग :बिजली की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के घरेलू बजट को बिगाड़कर रख दिया है. इतना ही नहीं बिजली की आंख मिचौली से शिक्षा जगत भी परेशान हैं. ऐसे में विनोबा भावे विश्वविद्यालय (Vinoba Bhave University Hazaribag) बिजली को लेकर आत्मनिर्भर होने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए सोलर एनर्जी का उपयोग किया जा रहा है जिससे विश्वविद्यालय को वर्तमान समय पैसों की बचत भी हो रही है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय प्रबंधन ने प्रशासकीय भवन को पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा से अच्छादित कर दिया है. जिससे प्रबंधन को वर्तमान समय में लगभग 40 हजार रुपये की बचत हो रही है.
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विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति मुकुल नारायण देव बताते हैं कि कई ऐसे उपकरण होते हैं, जहां 24 घंटे बिजली की आवश्यकता होती है. ऐसे में सोलर एनर्जी के जरिए उन उपकरणों को हम लोग निर्बाध बिजली दे पाएंगे और उपकरण भी खराब नहीं होगा. विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि आने वाले दिनों में पूरे विश्वविद्यालय को सोलर एनर्जी से आच्छादित कर दिया जाएगा. सोलर एनर्जी एक वैकल्पिक ऊर्जा का स्रोत के रूप में देखा जा रहा है .जरूरत है अन्य शैक्षणिक संस्थान और आम जनता को भी अधिक से अधिक इस ऊर्जा का उपयोग करने की, ताकि बिजली का उपयोग कम हो और बिजली दर से भी बचाया जा सके.
सोलर एनर्जी एक अच्छा विकल्प बनकर उभरा है. इसकी मदद से न केवल बिजली का बिल कम किया जा सकता है, बल्कि ग्रिड एनर्जी से निर्भरता भी घटाई जा सकती है. इसके आलावा यह पर्यावरण और सेहत के लिए भी अनुकूल है. ऐसे में विनोबा भावे विश्वविद्यालय बिजली को लेकर आत्मनिर्भर होने के लिए प्रयासरत है.