कोरोना को लेकर गांव में हो रही तैयारी, जागरुकता में कमी से जनप्रतिनिधि और चिकित्सक परेशान
कोरोना के संक्रमण का प्रसार धीरे-धीरे गांव की ओर फैलता जा रहा है. ऐसे में सरकार भी अब गांव में विशेष रूप से फोकस कर रही है. ताकि संक्रमण न फैले अगर कोई लोग बीमार पड़ता है तो उसका इलाज हो और उसे आइसोलेट किया जा सके. हजारीबाग जिला प्रशासन इसको लेकर तत्पर है.
कोरोना को लेकर गांव में हो रही तैयारी
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Published : May 21, 2021, 4:28 PM IST
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Updated : May 21, 2021, 6:08 PM IST
हजारीबागः जिला के ग्रामीण क्षेत्र में 70% आबादी गांवों में निवास करती है. यहां का मुख्य पेशा भी खेती है. ऐसे में ग्रामीणों की संख्या अधिक होने के कारण जिला प्रशासन के लिए यह चुनौती भी है कि संक्रमण गांव की ओर ना फैले.
हाल के दिनों में जो आंकड़ा सामने आ रहा है इससे स्पष्ट हो रहा है कि ग्रामीण अब संक्रमित हो रहे हैं. जिसका कारण बाहर से आए मजदूर और शहर जाकर रोजी-रोटी की तलाश में ग्रामीण है. अब चिंता का विषय बन रहा है कि हजारीबाग में संक्रमण को कैसे रोका जाए और अधिक से अधिक लोगों का टेस्ट किया जा सके. ताकि लोगों को चिन्हित करके संक्रमित व्यक्तियों का इलाज शुरू किया जा सके.
गांव में जागरुकता की कमी
कूद पंचायत के मुखिया धीरज सिन्हा कहते हैं कि गांव में जागरुकता की कमी है. लोग डर के कारण जांच नहीं कराते हैं. उनका मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. अपने पंचायत के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि मैं लगातार कैंप लगवा रहा हूं और लोगों को जागरुक कर रहा हूं. वैसे लोगों को चिन्हित कर रहा हूं, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, ताकि टेस्ट कराया जा सके. ऐसे में प्रखंड विकास पदाधिकारी का भी हम लोगों को सहयोग मिल रहा है. लेकिन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थिति बेहद चिंताजनक है.
हजारीबाग के कुद पंचायत की स्थिति
1.
पंचायत
कूद
2.
ग्राम
कूद
3.
जनसंख्या
3200
4.
बीमार
30 (वर्तमान)
5.
बीमार
125 (पिछले 15 दिन)
6.
मौत
10
1.
पंचायत
कूद
2.
ग्राम
रेवाली
3.
जनसंख्या
1800
4.
बीमार
10 (वर्तमान)
5.
बीमार
140 (पिछले 15 दिन)
6.
मौत
06
ग्रामीणों को जागरूक करना बेहद जरूरी
हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल भी कहते हैं कि हमारे विधानसभा के अधिकांश हिस्सा ग्रामीण इलाके हैं. ऐसे में ग्रामीणों को जागरूक करना बेहद जरूरी है. हम लोग ग्रामीणों के बीच मास्क का वितरण कर रहे हैं, साथ ही वैसे ग्रामीण जिनमें कोविड के लक्षण दिख रहा हैं, उन्हें निशुल्क दवा भी दिया जा रहा है. उनका कहना है कि वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनौती शादी है. ग्रामीण इलाकों में लोग शादी में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. वहां संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है. ऐसे में ग्रामीण स्तर में लोगों को जागरूक करने के लिए कोशिश भी किया जा रहा. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार को विशेष रूप से फोकस करने की जरूरत है.
झारखंड सरकार भी ग्रामीण इलाकों में संक्रमण ना फैले और अधिक से अधिक टेस्ट हो इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है. आगामी 23-24 मई से हर ब्लॉक पर ब्लॉक टास्क फोर्स का गठन कर बैठक किया जाएगा. वहां एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा. हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉक्टर संजय जायसवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि टास्क फोर्स में स्थानीय प्रशासन के पदाधिकारी रहेगे. पंचायत स्तर पर दो दल बनेगा, एक में आंगनबाड़ी और सेविका रहेंगी और दूसरा में सहिया रहेंगी. जिन्हें किट से टेस्ट करने की हम लोग ट्रेनिंग देंगे, उनमें जो पॉजिटिव ग्रामीण मिलेंगे उन्हें दवा दिया जाएगा. साथ में हम लोग आइसोलेशन सेंटर भी बनाने की तैयारी कर रहे हैं. टास्क फोर्स का गठन हर एक पंचायत में किया जाएगा.
सरकार की ओर से खाका तैयार कर लिया गया है, जिससे अधिक से अधिक टेस्ट किया जा सके. लेकिन सरकार को यह कदम और पहले उठाने की जरूरत थी. ताकि संक्रमण का फैलाव कम से कम हो. बहरहाल सरकार ने तैयारी कर ली है, जनप्रतिनिधियों का उन्हें सहयोग मिल रहा है. जरूरत है स्थानीय प्रशासन को सजगता के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने की.