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रक्षाबंधन 2021ः पर्यावरण प्रेमियों ने मनाया वृक्षाबंधन, पेड़ों की रक्षा का लिया संकल्प

हजारीबाग जिले में पर्यावरणप्रेमियों ने रक्षाबंधन को वृक्षाबंधन ( Vrikshabandhan in Hazaribag) के रूप में मनाया. इस दौरान आसपास पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधकर सुरक्षा का संकल्प लिया.

Vrikshabandhan in Hazaribag
पर्यावरण प्रेमियों ने मनाया वृक्षाबंधन

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Published : Aug 22, 2021, 1:45 PM IST

हजारीबागःजिले समेत पूरे प्रदेश में भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन 2021 (Rakshabandhan 2021) उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. बहनें भाई के कलाई में रक्षा सूत्र बांध रहीं हैं और भाई बहन की रक्षा का वादा कर रहे हैं. इस बीच हजारीबाग के पर्यावरण प्रेमियों ने रविवार को अनोखे अंदाज में रक्षाबंधन मनाया. इन्होंने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधा और उनकी रक्षा की सौगंध भी ली.

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भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन 2021 को लेकर बहनें भाइयों के यहां तो भाई बहनों के यहां पहुंच रहे हैं. इस बीच हजारीबाग के पर्यावरण प्रेमियों ने प्यार के प्रतीक इस त्योहार के दिन वृक्षों के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया. उन्होंने वृक्षों पर रक्षा सूत्र बांधकर उसकी रक्षा करने का आज सौगंध ले रहे हैं और वृक्षों की रक्षा का लोगों को संदेश दिया.

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कोरोना ने भी याद दिलाया

पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि कोरोना महामारी ने एक बार फिर हमें पेड़ों की उपयोगिता बता दी है. इसने बताया है कि पेड़ और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तभी हम भी रहेंगे. इसलिए हम इनको रक्षा सूत्र बांधकर इनकी सुरक्षा का संकल्प ले रहे हैं. हजारीबाग के इन पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि इसीलिए हम रक्षाबंधन को वृक्षाबंधन के रूप में मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सब सालों भर पौधे लगाते हैं और उनका रक्षा भी करते हैं.ताकि पर्यावरण हरा भरा रहे और हम सभी शुद्ध हवा पा सकें. इन्हीं की टोली ने हजारीबाग के विभिन्न इलाकों में घूम घूम कर वृक्षाबंधन मनाया.

पौधे लगाने की अपील

पर्यावरणप्रेमियों ने लोगों से भी पौधे लगाने और उनके वृक्ष बनने तक देखभाल करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कई बार कार्यक्रमों में पौधे तो लगा दिए जाते हैं, लेकिन लोग पलट कर भी उस पौधे को नहीं देखते हैं. ऐसे में पौधा मुरझा जाता है, यह पौधे की हत्या की तरह है. हम पौधा लगाएं और उसका रक्षा भी करें ताकि पर्यावरण संतुलित हो सके. उन्होंने आज के दिन चिंता भी जाहिर की कंक्रीट का जंगल कुछ इस तरह फैल रहा है कि अगली पीढ़ी के लिए दिक्कत होना तय है.

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